सेव अमेरिका रैली के बहाने अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अभी से दावेदारी के लिए ट्रम्प ने शक्ति प्रदर्शन किया।
सेव अमेरिका रैली के बहाने अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अभी से दावेदारी के लिए ट्रम्प ने शक्ति प्रदर्शन किया।
शनिवार 3 जुलाई 2021
सेव अमेरिका रैली के बहाने अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अभी से दावेदारी, ऐसा पहले किसी अमेरिकी नेता ने नहीं कियाअमेरिका में एक लोकप्रिय कहावत है, ‘जो राष्ट्रपति हार जाते हैं, आमतौर पर वे चले जाते हैं, सत्ता की ओर मुड़कर नहीं देखते।’ पर डोनाल्ड ट्रम्प अपवाद हैं। वे बार-बार संकेत दे रहे हैं कि 2024 के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी बनना चाहते हैं। फ्लोरिडा के सरसोटा में शनिवार को ‘सेव अमेरिका’ रैली के जरिए वे अगले चुनाव के लिए ताल ठोकने जा रहे हैं। यह रैली इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले दिन (4 जुलाई) को अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस है।
राजनीतिक विश्लेषकों और रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं के मुताबिक, इस साल 6 जनवरी के बाद ट्रम्प का यह पहला बड़ा संबोधन होगा, जब उन्होंने व्हाइट हाउस के बाहर अपने समर्थकों को अमेरिकी संसद तक मार्च के लिए कहा था, इसके बाद संसद पर हमला हुआ था। फ्लोरिडा में रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख जो ग्रुटर्स कहते हैं कि फ्लोरिडा ट्रम्प के लिए मजबूत राजनीतिक समर्थन व राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए लॉन्च पैड रहा है।
2024 में दावेदारी की पहली रैली के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है। ग्रुटर्स ने 2012 में ट्रम्प को संबोधन के लिए टैम्पा शहर में आमंत्रित किया था। इसी के बाद ट्रम्प को राष्ट्रीय मीडिया में जगह मिली और वे सत्ता के राष्ट्रीय मंच पर पहुंच गए। ग्रुटर्स कहते हैं कि यह तो शुरुआत है, ट्रम्प के बाकी गढ़ों में भी ऐसे ही बड़े इवेंट होंगे। इसके बाद वे अपने चिर-परिचित अंदाज में दिखेंगे। उनका पहला लक्ष्य 2022 के मध्यावधि चुनाव में जीतना है।
ट्रम्प के सहयोगी जैसन मिलर कहते हैं ट्रम्प नेता नहीं आंदोलन हैं क्योंकि उनकी एक बात लाखों समर्थक जुटाने के लिए काफी है। उन्होंने मिसाल दी कि कैसे धीमे टीकाकरण को देखते हुए बाइडेन प्रशासन ने महसूस किया कि उन्हें ट्रम्प की जरूरत है। दरअसल 17% ट्रम्प समर्थक टीके के खिलाफ हैं।
डॉ. फाउची को ट्रम्प से आग्रह करना पड़ा कि वे समर्थकों से डोज लेने की अपील करें। इसलिए इन लोगों को ‘ट्रम्प वोटर्स’ कहा जाता है। सामान्य तौर पर वे वोट नहीं देते और देते भी हैं तो सिर्फ ट्रम्प के नाम पर, रिपब्लिकन पार्टी के लिए नहीं। रिपब्लिकन नेता भी यह स्वीकार करते हैं कि ट्रम्प क समर्थन बिना वे सीनेट या कांग्रेस में एक सीट तक नहीं जीत सकते।