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पांच सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारी पदाधिकारियों की  बैठक शहीद स्मारक(कचहरी परिसर) में हुई। 

 पांच सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारी पदाधिकारियों की  बैठक शहीद स्मारक(कचहरी परिसर) में हुई। 
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पांच सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारी पदाधिकारियों की  बैठक शहीद स्मारक(कचहरी परिसर) में हुई। 

उत्तराखण्ड (देहरादून) 15.6.2021

कोविड-19 का पालन करते हुए आज शहीद स्मारक(कचहरी परिसर) में पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में सदस्यों में अपने विचार व्यक्त किए। जिसमें सरकार के प्रति राज्य आंदोलनकारी द्वारा भारी रोष व्यक्त किया गया। वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी मोर्चे के अध्यक्ष श्री विनोद असवाल ने कहा कि राज्य आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर माननीय मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से कई बार वार्ता के लिए समय मांगा परंतु मुख्यमंत्री समय नहीं दिया। माननीय मुख्यमंत्री जी से राज्य आन्दोलनकरियो को काफी उम्मीदें हैं। माननीय मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी ने राज्य आंदोलनकरियो को आश्वासन भी दिया की राज्य आंदोलनकरियो की जायज मांगों पर ध्यान दिया जाएगा व पूरा करने कोशिश की जाएगी। उत्तराखंड बने 21 वर्ष हो गए हैं इन 21 वर्षों में अभी तक 9 मुख्यमंत्री चुके हैं। इतने मुख्यमंत्री बनने के बाद भी देवभूमि उत्तराखंड में महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गई है तथा जनता को दो समय की रोटी खाना मुश्किल हो गया है। राज्य आंदोलनकारी₹ 5000 तथा₹ 3100 में अपना गुजारा कर रहे हैं उत्तराखंड बनने के बाद सबसे ज्यादा नुकसान आंदोलनकारी उठा रहे हैं आज उनका परिवार इतने कम कम रुपये में नहीं चला पा रहे हैं। पेट्रोल डीजल व गैस के दाम आसमान छू रहे हैं कोरोना काल में जनता के रोजगार खत्म होने के कारण रोजी रोटी की दिक्कतें आई हैं। वही प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के अभिभावकों से दोगुनी फीस वसूली जा रही है। सरकार मौन धारण किए हुए हैं। सरकार के आदेशों पर प्राइवेट स्कूल धज्जियां उड़ा जा रहे हैं। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक तथा राज्य शिक्षा मंत्री श्री अरविंद पांडे तथा उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। किया 3 शिक्षा मंत्री होने के बावजूद प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि अगर 3 शिक्षा मंत्री कुछ नहीं कर पा रहें हैं तो राज्य आंदोलनकरियो में से अलग अलग संगठनों में से एक एक अध्यक्ष को लेकर कमेटी बनाई जाये जो प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगा सके। राज्य आंदोलनकारी भी सरकार के साथ कंधा मिलाकर चलना चाहता है बस जिम्मेदारी देनी होगी। राज्य आंदोलनकरियो की सरकार से कुछ मांगे हैं उम्मीद है कि सरकार इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश करेगी।

1. राज्य आंदोलनकरियो को एक समान पैंशन दी जाये।

2. कोविड-19 के दौरान जिन आंदोलनकरियो की मृत्यु हुई है उनके आश्रितों को भी राज्य आंदोलनकारी के दायरे में लाया जाए।

3.राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को 10% क्षैतिज आरक्षण को नए सिरे से विधानसभा में पास किया जाए। 4.समूह ग की भर्तियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए।

5.राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को उपनल में अलग से रोजगार की व्यवस्था की जाए ।

बैठक में श्री विनोद असवाल (अध्यक्ष), श्री विपुल नौटियाल (उपाध्यक्ष), श्री सुरेश कुमार( महासचिव) व बंटी थापा मौजूद रहे।

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