बिहार के आधा दर्जन जिलों में वायरल बुखार का प्रकोप।
बिहार के आधा दर्जन जिलों में वायरल बुखार का प्रकोप।
(वायरल फीवर की चपेट में आकर 25 से ज्यादा बच्चों की मौत)
बिहार (पटना) शनिवार, 11 सितंबर 2021
महामारी कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच बिहार से डराने वाली ख़बर आ रही है। प्रदेश में बच्चों में वायरल बुखार के मामले अचानक बढ़ने लगे हैं। मुजफ्फरपुर, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान और मधुबनी समेत कई जिले इसकी चपेट में हैं। पिछले एक महीने में राज्य में वायरल फीवर की चपेट में आकर 25 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि कई गंभीर बच्चों का इलाज चल रहा है। लेकिन, वायरल बुखार पीड़ित जिन बच्चों की कोरोना जांच हुई उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद डॉक्टरों ने कहा यह तीसरी लहर नहीं है। इधर पटना के पीएमसीएच समेत सभी बड़े अस्पताल में बेड फुल हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य स्वास्थ्य समिति निर्देश दिया है कि हर जिले में जाकर वहां की स्थिति का आकलन कर रिपोर्ट दे।
वहीं, वायरल फीवर पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि राज्य स्वास्थ्य समिति के टीम को सभी जिलों के अस्पतालों का दौरा करने के लिए भेजा गया है। उन्हें रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। कई विशेषज्ञों से बातचीत में पता चला है कि वायरल फीवर ही है। सभी सरकारी अस्पतालों में बच्चों के समुचित इलाज का निर्देश दे दिया गया है। पूरे मामले पर मैं खुद नजर रख रहा हूं और लगातार अधिकारियों के संपर्क में हूं।
पटना में भी वायरल फीवर का कहर देखा जा रहा है। पटना में सरकारी अस्पतालों में एक भी बेड खाली नहीं हैं। वहीं, पटना के महावीर वात्सल्य अस्पताल में भी नीकू और पीकू के सभी 80 बेड फुल हैं। डॉक्टरों की मानें तो ये वायरल फीवर कोरोना का ही साइड इफेक्ट है, और उसकी वजह से ही बच्चों में सर्दी, खांसी से लेकर सांस लेने की समस्या आ रही है। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। पश्चिम चम्पारण में दर्जनों बच्चे बीमार हैं। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। छोटे-छोटे बच्चों ने सर्दी खांसी और बुखार के साथ-साथ निमोनिया जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। हालत ये है कि जिले के सबसे बड़े अस्पताल जीएमसीएच के सभी बेड फुल हो चुके हैं। जबकि सैकड़ों की संख्या में बच्चों निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया जा रहा है।
बगहा में रामनगर के डैनमरवा गांव में जापानी इंसेफेलाइटिस का मरीज मिलने से स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया है। रामनगर प्रखण्ड के डैनमरवा गॉव की दलित बस्ती में जापानी इंसेफेलाइटिस का मरीज मिला। खबर की पुष्टि होते ही पीएचसी की मेडिकल टीम गांव में पहुंचकर पीड़ित के पड़ोसियों के घरों में जांच की। जांच के दौरान किसी भी बच्चे में जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षण नजर नहीं आए। गोपालगंज में वायरल बुखार से तीन बच्चों की संदिग्ध मौत मामले में स्वास्थ विभाग ने एक बच्चे की एईएस से मौत की पुष्टि की है। सिविल सर्जन डॉक्टर योगेंद्र महतो के मुताबिक, तीन बच्चों की मौत की जानकारी मिली है। लेकिन एक बच्चे में एईएस के लक्षण मिले थे। जिसे मुजफ्फरपुर भेज दिया गया था। अब उस बच्चे की मौत एईएस से होने की पुष्टि हुई है। गोपालगंज के बैकुंठपुर में 5 दर्जन से ज्यादा बच्चे वायरल फीवर से बीमार हैं।
दरभंगा जिले में भी इसका प्रकोप देखा जा रहा है जहां कई बच्चे वायरल फीवर की चपेट में आ गए हैं। उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच के शिशु विभाग में बच्चों का एक भी बेड खाली नहीं है। लिहाजा यहां अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की जा रही है। यूपी के सीमावर्ती जिले सीवान में भी वायरल फीवर की चपेट में आकर काफी बच्चे बीमार हैं। सरकारी आंकड़े के मुताबिक रोजाना 25 से 30 वायरल बुखार से पीड़ित बच्चे सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं, प्रखंडों के उपस्वास्थ्य केंद्र पर रोजाना 10 से 12 बीमार बच्चे पहुंच रहे हैं। सीवान सदर अस्पताल की असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट रीता सिन्हा के मुताबिक वायरल फीवर से घबराने की जरूरत नहीं है बस सावधानी बरतनी है।
खगड़िया के बेलदौर प्रखंड के बोबिल पंचायत में पिछले एक महीने के अंदर छह बच्चों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। पिछले सात अगस्त से 22 अगस्त तक में बोबिल पंचायत के अलग अलग गांवों में छह बच्चों की मौत हो गई। वैसे सिविल सर्जन का कहना है कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बच्चों की मौत अलग-अलग वजहों से हुई है। लखीसराय के सदर अस्पताल में भी वायरल फीवर को लेकर तैयारियां जोरों पर है। जहां शिशु वार्ड बनाया गया है, हर बेड के सामने ऑक्सीजन प्वाइंट दी गई है। ताकि ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने पर बच्चों को तुरंत ऑक्सीजन दी जा सके।