Breaking News

राष्ट्रीय सरस मेले के दूसरे दिन भी भारी संख्या में भीड़ देखने को मिली।

 राष्ट्रीय सरस मेले के दूसरे दिन भी भारी संख्या में भीड़ देखने को मिली।
Spread the love

राष्ट्रीय सरस मेले के दूसरे दिन भी भारी संख्या में भीड़ देखने को मिली।

(जागर गायिका पदमश्री बसंती बिष्ट द्वारा प्रस्तुति दी गई)

उत्तराखंड (देहरादून) शुक्रवार, 07 अक्टूबर 2022

राष्ट्रीय सरस मेले के दूसरे दिन आज काफी लोग सरस मेले में पहुंची। आज मुख्य कार्यक्रमों में जागर गायिका पदमश्री बसंती बिष्ट द्वारा प्रस्तुति दी गई। उन्होंने अपने पारंम्परिक लोग जागरों से सरस मेले में आये लोगों का मन मोह लिया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति में शक्ति बाल द्वारा रचना सार “संसार समुन्द्र बणगो रैलो, गोधुली की बेला एवं दीप प्रज्वलित, रामलीला बोल सोलह मौ की गोपकिष्यों गंगाज, चाँचरी अतिथि देवो भव बोल कै जागा वै न्यूत आयो को होला मादेव, हरी भरी साथ या (बोल) हे कुमेडी का लागत, कुमाउनी छपेली हऊलास के साथ बाल श्तेरी झांवरी बाजी छमा छमा, अदृश्य शक्तियों का संसार परिलोक आंदरी मथुरा जलभ कृष्ण जिलखान) चिन झागो वही बता दें आदि प्रस्तुति दी गई।

राष्ट्रीय सरस मेले में लगभग 250 स्टॉल लगाए गए हैं जिसमें पहाड़ी दालें,जैकेट ,कोट, लेडीज सूट आदि मेले में उपस्थित हैं यहां पर हर रोज रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जा रहे हैं। सरस मेले में कल 08 अक्टूबर को पदम श्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण शाम 6ः00 बजे अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करेगें।

सरस मेले में राज्य के 95 ब्लाॅकों से आए स्वयं सहायता समूह द्वारा अपने स्थानीय उत्पाद को स्टाॅल में लगाया गया है, साथ ही अपने उत्पाद से खाद्य सामग्री एवं हाथ से बुने कपड़े जैसे कुर्ता पजामा, जौनसारी टोपी, पहाड़ी टोपी, वस्त्रों का स्टोर लगा रखे हैं।

राष्ट्रीय सरस मेला ग्रामीण परिवारों के आर्थिक उन्नयन हेतु पं0 दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, गरीबी उन्मूलन एवं स्वरोजगार सम्बन्धी एक अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य स्वंय सहायता समूहों की आर्थिकी मजबूत करने का है तथा महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ते हुए आत्म निर्भर बनाने का है।

Related post

error: Content is protected !!