उप जिला निर्वाचन अधिकारी के.के मिश्रा ने बताया ElectionLaws Act 2021 के माध्यम से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 एवं 1951 में संशोधन किये गये हैं।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी के.के मिश्रा ने बताया ElectionLaws Act 2021 के माध्यम से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 एवं 1951 में संशोधन किये गये हैं।
(भारत निर्वाचन आयोग की संस्तुति के आधार पर )
उत्तराखंड (देहरादून) रविवार, 03 जुलाई 2022
अपर जिलाधिकारी (वि.रा)/उप जिला निर्वाचन अधिकारी के.के मिश्रा ने कराया है कि भारत निर्वाचन आयोग के निदेर्शों के क्रम में मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी पत्र 30 जून के माध्यम से अवगत कराया है कि भारत निर्वाचन आयोग की संस्तुति के आधार पर विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ElectionLaws (Amendment)Act 2021 के माध्यम से निम्न दृष्टिकोण से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 एवं 1951 में संशोधन किये गये हैं।
Use of Aadhar for electoral Registration purpose. Multiple qualifying dates.Gender-neutral provision for Service and Special Electors and Power to acquire premises for the purpose of conduct of elections. उक्त के फलस्वरूप निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) नियम, 2022 राजपत्र में प्रकाशन की तारीख 1 अगस्त, 2022 से प्रभावी होगा एवं जिसके द्वारा अन्य संशोधनों के साथ-साथ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 केSection 20 केSub- Section – (6) में ‘‘उसकी पत्नी’’ शब्द (जहाँ प्रयुक्त हो) को उसकी पत्नी या उसका पति शब्द से संशोधित / अन्तः स्थापित किया गया है तथा उक्त नियमों के अनुसार प्रारूप-1 प्रारूप-2, प्रारूप-2क और प्रारूप-3 संशोधित कर दिये गये है। इसी प्रकार दावों और आक्षेपों के लिए प्रारूप प्रारूप-6,7,8 एवं 8क के स्थान पर संशोधित प्रारूप प्रारूप-6,6ख, प्रारूप-7 एवं प्रारूप-8 को अन्त स्थापित / प्रयोग किया जायेगा। प्रारूप-8क और 8ख का लोप किये जाने के कारण प्रारूप-11 और प्रारूप-11क के स्थान पर संशोधित /नवीन प्रारूप-11, प्रारूप-11क व प्रारूप 11ख को अन्त स्थापित/प्रयोग किया जाना है।
उन्होंने समस्त निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी(समस्त उप जिलाधिकारी देहरादून), समस्त सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (समस्त तहसीलदार) जनपद देहरादून निर्देश दिए हैं कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुपालन में उक्त संशोधित ElectionLaws (Amendment)Act 2021 माध्यम से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 एवं 1951 में किये गये संशोधित प्राविधानों एवं प्रारूपों से स्वयं अवगत होते हुए सभी सम्बन्धितों यथा राजनैतिक दलों को अवगत / प्राप्त कराने के साथ-साथ उक्त संशोधित प्रारूपों का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए यथासमय आवश्यक कार्यवाही करें।