विकासखंड रायपुर में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से पर्यावरण संरक्षण और आजीविका संर्वधन की अभिवन पहल शुरू की। - Swastik Mail
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विकासखंड रायपुर में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से पर्यावरण संरक्षण और आजीविका संर्वधन की अभिवन पहल शुरू की।

 विकासखंड रायपुर में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से पर्यावरण संरक्षण और आजीविका संर्वधन की अभिवन पहल शुरू की।
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विकासखंड रायपुर में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से पर्यावरण संरक्षण और आजीविका संर्वधन की अभिवन पहल शुरू की।

(05 ग्राम पंचायतों में समूह की महिला कमाने लगी 06 हजार प्रतिमाह)

उत्तराखंड (देहरादून) सोमवार , 14 अप्रैल, 2025

देहरादून के विकासखंड रायपुर में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से पर्यावरण संरक्षण और आजीविका संर्वधन की अभिवन पहल शुरू की हैं। पांच ग्राम पंचायत धनोला, अस्थल, कार्लीगाढ़, बझेत और खैरी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं घर-घर सूखा कूड़ा-कचरा एकत्र करने के साथ-साथ अपनी आजीविका संर्वधन कर रही हैं। इस कार्य में वेस्ट वॉरियर्स एनजीओ द्वारा आवश्यक आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण दिया गया है। महिलाएं प्रतिमाह रू0 6000 तक आय सृजित करने लगी हैं।

ग्राम पंचायत में कूड़ा प्रबंधन हेतु यह एक सराहनीय प्रयास है। जहाँ समूह की महिलाएं ठोस कचरा अपशिष्ट प्रबंधन के लिये आम जनमानस को प्रेरित कर रही हैं, साथ ही अपनी आजीविका में वृद्धि कर रही हैं। निकट समय में प्रत्येक ग्राम पंचायत में 30 रू० प्रति माह प्रत्येक घर से शुल्क निर्धारित किया जाना प्रस्तावित है। जिससे समूहों को एक निर्धारित और अधिक आय अर्जित हो सकेगी। एनआरएलएम समूह की इन महिलाओं को पर्यावरण सखियों के नाम से जाना जा रहा है। ग्राम पंचायतों में उनके कार्यों की खूब सराहना भी की जा रही है। स्वजल द्वारा इस कार्य के लिए महिला समूहों को सम्मानित एवं प्रोत्साहित किया गया है। समूह द्वारा घर-घर से सूखा कूड़ा उठाने के पश्चात् धनोला सेग्रीगेशन सेंटर पर लाया जाता है एवं कूड़ा पृथक्करण का कार्य किया जा रहा है।

मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने बताया कि वेस्ट वॉरियर्स एनजीओ के सहयोग से इस मॉडल को विस्तार दिया जाएगा और अन्य ग्राम पंचायतों में भी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से पर्यावरण संरक्षण और आजीविका संर्वधन की दिशा में कार्य किया जाएगा।

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