लोकसभा सत्र में केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड में जल जीवन मिशन के तहत चलाई जा रही योजनाओं के तहत इस वर्ष का बजट जारी क्यों नहीं किया गया। - Swastik Mail
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प्रेमनगर के पूर्व पार्षद हितेश गुप्ता का अवैध निर्माण को आखिर क्यों दिया जा रहा है सरक्षण।मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने अवगत कराया है कि “जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार अभियान” के अंतर्गत न्याय पंचायतों/ग्राम पंचायतों में बहुउद्देशीय शिविर/कैम्प आयोजित किए जाएंगे।अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास निधि IFAD मुख्यालय, रोम (इटली) में ऐतिहासिक ‘India Day Event’ का आयोजन किया।एक और एजेंसी आई डीएम की क्यूआरटी के निशाने पर; यूपीसीएल पर 02 माह का लगा प्रतिबन्ध; कार्य अनुमति निरस्त।महानिदेशक, कृषि एवं उद्यान, उत्तराखण्ड शासन श्रीमती वंन्दना द्वारा रेशम निदेशालय प्रेमनगर देहरादून का निरीक्षण किया गया।

लोकसभा सत्र में केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड में जल जीवन मिशन के तहत चलाई जा रही योजनाओं के तहत इस वर्ष का बजट जारी क्यों नहीं किया गया।

 लोकसभा सत्र में केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड में जल जीवन मिशन के तहत चलाई जा रही योजनाओं के तहत इस वर्ष का बजट जारी क्यों नहीं किया गया।
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लोकसभा सत्र में केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड में जल जीवन मिशन के तहत चलाई जा रही योजनाओं के तहत इस वर्ष का बजट जारी क्यों नहीं किया गया।

(पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद श्री अजय भट्ट ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से पूछा)

उत्तराखंड (देहरादून) शुक्रवार, 05 दिसंबर 2025

पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद श्री अजय भट्ट ने आज लोकसभा सत्र में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनाओं को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से पूछा कि केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड में जल जीवन मिशन के तहत चलाई जा रही योजनाओं के तहत इस वर्ष का बजट जारी क्यों नहीं किया गया है? श्री भट्ट ने सदन में कहा कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है यह राज्य आपदाओं की मार झेलता रहता है यहां कार्य करने के लिए साल में 4 से 5 महीने ही मिल पाते हैं क्योंकि बाकी समय बारिश और हिमपात रहता है इन सब कठिनाइयों के बीच उत्तराखंड राज्य में जल जीवन मिशन की प्रगति संतोषजनक है ऐसे में केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वह जल जीवन मिशन का शेष बजट आवंटन जल्द से जल्द किया जाए। श्री भट्ट ने कहा कि भारत सरकार द्वारा कई योजनाओं का बजट अस्वीकार्य माना है। इसका कारण भी बताया जाना चाहिए।

जवाब में सदन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने बताया कि उत्तराखंड से वित्तीय वर्ष 2024 25 के दौरान जल जीवन मिशन के लिए आवंटन निधि की शेष राशि जारी करने के लिए विभाग को दो प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत अब तक देश भर के 15 करोड़ घरों में स्वच्छ पानी पहुंचाया गया है। लेकिन कई राज्यों से जल जीवन मिशन की गड़बड़ियों की शिकायत जनप्रतिनिधियों सांसदों व अन्य स्तरों से सामने आई है जिसको गंभीरता से लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा देश भर में 119 टीमों से जल जीवन मिशन का सर्वे कार्य कराया गया है जिसमें 4000 से अधिक ठेकेदार व सरकारी अधिकारी कर्मचारी यहां तक की मंत्री तक भी कार्रवाई की जद में है। और हमारे द्वारा सभी राज्यों के मुख्यमंत्री को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने को लेकर पत्र भी लिखा है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड के लिए 90 अनुपात 10 के तहत जल जीवन मिशन का बजट उपलब्ध कराया जाता है। इस वर्ष का बजट भी जल्द केंद्रीय कैबिनेट से अनुमति मिलने के बाद जारी किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने अवगत कराया की वर्ष 2019-20 से लेकर वर्ष 2023 24 तक जल जीवन मिशन के लिए 208652 करोड रुपए केंद्रीय परिवहन के साथ मंजूरी दी गई थी जिसका लगभग पूरी निधि का उपयोग कर लिया गया है। अभी तक राज्य को भारत सरकार से 5193.75 करोड़ रूपया आवंटित किया गया है इसके अनुपात में राज्य सरकार द्वारा 1260.68 करोड़ रूपये का योगदान दिया गया है। जबकि आई एम आई एस के अनुसार परियोजना की कुल लागत 9735.55 करोड रुपए है जिसमें योजना की प्रमाणीकरण लागत 9426.5 करोड रुपए है और भारत सरकार द्वारा 309.5 करोड रुपए अस्वीकार्य माने हैं। बावजूद उसके अभी केंद्र सरकार द्वारा राज्य को जल जीवन मिशन में 3568.5 करोड़ रुपए आवंटित किए जाने हैं यदि अस्वीकार्य बजट को हटा दिया जाए तो 3289 करोड रुपए योगदान के रूप में भारत सरकार द्वारा जारी किए जाने हैं जिसको लेकर सांसद अजय भट्ट ने सदन में प्रश्न उठाया था।

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