मालदेवता में तीन दिवसीय बीएसएफ पैरा ग्लाइडिंग फेस्टिवल हुआ शुरू हुआ।  - Swastik Mail
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जिलाधिकारी सविन बसंल द्वारा जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ एवं सर्वसुलभ बनाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।मा.मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में बड़ा कदम: देहरादून जिला प्रशासन ने डिस्ट्रिक्ट प्लान से 54 आंगनबाड़ी केंद्र बनाए मॉडर्न प्ले स्कूल।मा.मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ेगी निगरानी, मानव-वन्यजीव संघर्ष पर जिला प्रशासन अलर्ट।उत्तराखंड सामाजिक सम्मान सेवा ट्रस्ट ने किया वरिष्ठ पत्रकार सुशील चमोली का सम्मान ।युवा सेना अध्यक्ष सागर रघुवंशी के नेतृत्व में निजी व पब्लिक स्कूलों द्वारा शिक्षा के नाम पर हो रहे शोषण के विरुद्ध युवा सेना (शिव सेना) ने दिया SDM साहिबा स्मिता पवार जी को ज्ञापन।

मालदेवता में तीन दिवसीय बीएसएफ पैरा ग्लाइडिंग फेस्टिवल हुआ शुरू हुआ। 

 मालदेवता में तीन दिवसीय बीएसएफ पैरा ग्लाइडिंग फेस्टिवल हुआ शुरू हुआ। 
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मालदेवता में तीन दिवसीय बीएसएफ पैरा ग्लाइडिंग फेस्टिवल हुआ शुरू हुआ। 

(स्वर्णिम विजय वर्ष (1971 युद्ध विजय की 50वीं वर्षगांठ) के उपलक्ष्य में) 

उत्तराखंड (देहरादून) वीरवार, 11 नवंबर 2021

स्वर्णिम विजय वर्ष (1971 युद्ध विजय की 50वीं वर्षगांठ) के उपलक्ष्य में मालदेवता में तीन दिवसीय बीएसएफ पैरा ग्लाइडिंग फेस्टिवल गुरुवार से शुरू हो गया। बीएसएफ इंस्टीट्यूट आफ एडवेंचर एंड एडवांस ट्रेनिंग,डोईवाला एवं उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम का पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने शुभारम्भ किया।उन्होंने कहा कि बीएसएफ देश का गौरवशाली बल है।बीएसएफ के जवान भारत-पाक और भारत-बंग्लादेश की अत्यंत महत्वपूर्ण

सीमा पर तैनात हैं।उन्होंने कहा कि मै खुद बीएसएफ में चार वर्ष रहा। साहसिक व अनुशासित बल होने के साथ ही इसका एक मानवीय चेहरा भी है।बीएसएफ निरंतर सामाजिक सरोकारों से जुड़ी रही है।केदारनाथ आपदा का उल्लेख करते उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए बीएसएफ के सभी कर्मियों ने अपने एक दिन का वेतन दिया,जिससे 16 करोड़ की धनराशि एकत्र हुई।इसमें दस करोड़ रुपये सीएम राहत कोष में दिये गए।पांच-पांच लाख रुपये आपदा में शहीद उत्तराखंड पुलिस के पंद्रह जवानों के स्वजन को दिये गए।वहीं शेष रकम से आपदाग्रस्त गांव में राहत एवं पुनर्वास कार्य किए गए।उन्होंने पैरा ग्लाइडिंग गतिविधियों को वृहद स्तर पर ले जाने पर जोर दिया।

बीएसएफ इंस्टीट्यूट आफ एडवेंचर एंड एडवांस ट्रेनिंग के कमान्डेंट महेश कुमार नेगी ने कहा कि बीएसएफ साहसिक खेलों के माध्यम से 1971 युद्ध की वीर गाथा और वीर सैनिकों के बलिदान को आम नागरिकों,खासकर युवा पीढी तक पहुंचाने के लिए संकल्पित है।उन्होंने कहा कि इस शौर्य पर्व में सीमा सुरक्षा बल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व जनरल सैम मानेकशा ने भी सराहा।इस अभियान में भारतीय सेना व सीमा सुरक्षा बल ने अदम्य साहस का प्रदर्शन किया।

बंग्ला भाषियों की क्रूर हत्याओं व मानवाधिकार हनन पर रोक लगा पूर्वी पाकिस्तान को एक स्वतंत्र देश बंग्लादेश के रूप में मुक्त कराया।इस विजय के पचास वर्ष पूरे होने पर देश स्वर्णिम विजय वर्ष मना रहा है।उन्होंने बताया कि इस युद्ध में सीमा सुरक्षा बल को एक महावीर चक्र,11 वीर चक्र मिले।

इस उत्सव में सीमा सुरक्षा बल के कार्मिकों के अलावा आम नागरिक भी हिस्सा ले रहे हैं।सीमा सुरक्षा बल विगत कई वर्षों से उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड के साथ मिलकर यह उत्सव मना रहा है।जिसमें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के पैरा ग्लाडर्स ने हिस्सा लिया है।इस साल यह उत्सव 1971 युद्ध के वीरों के साहस व बलिदान को समर्पित है।जिसमें एनसीसी कैडेट व विभिन्न स्कूल-कालेज के छात्र भी पहुंच रहे हैं।उद्घाटन कार्यक्रम में डिप्टी कमान्डेंट आरएन भाटी,मनोज सुंद्रियाल,पीके जोशी,एसके त्यागी,सहायक कमान्डेंट पुनित तोमर,पवन सिंह पंवार,चिकित्साधिकारी डा रजनीकांत सिंह आदि उपस्थित रहे।

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