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उत्तराखंड के मंदिरों में पाश्चात्य संस्कृति के अत्याधुनिक कपड़े पहन कर आने पर नहीं होंगे दर्शन।

 उत्तराखंड के मंदिरों में पाश्चात्य संस्कृति के अत्याधुनिक कपड़े पहन कर आने पर नहीं होंगे दर्शन।
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उत्तराखंड के मंदिरों में पाश्चात्य संस्कृति के अत्याधुनिक कपड़े पहन कर आने पर नहीं होंगे दर्शन।

(आजकल कई युवाओं और युवतियों के साथ साथ उनके मां-बाप भी ऐसे कपड़े पहन कर मंदिरों में आ जाते हैं जिन्हें देखकर शर्म आती है::::;महंत रविंद्रपुरी)

उत्तराखंड (देहरादून) शनिवार, 03 जून 2023

उत्तराखंड के मंदिरों में युवा और युवतियां पाश्चात्य संस्कृति के अत्याधुनिक कपड़े पहन के नहीं आ सकेंगे। हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर के प्रबंधक और 10 नाम नागा सन्यासियों के महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के सचिव तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी ने यह ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि आजकल कई युवाओं और युवतियों के साथ साथ उनके मां-बाप भी ऐसे कपड़े पहन कर मंदिरों में आ जाते हैं जिन्हें देखकर शर्म आती है। उन्होंने कहा कि अब पाश्चात्य कपड़ों को पहनकर मंदिर में कोई प्रवेश नहीं कर सकेगा।

हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर पौड़ी गढ़वाल के नीलकंठ महादेव मंदिर और देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में फिलहाल यह पाबंदी लगाई गई है और श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के पूरे देश में जहां भी मंदिर हैं वहां यह सब ड्रेस कोड लागू किया जाएगा दक्षेश्वर महादेव मंदिर कनखल हरिद्वार के प्राचीन मंदिरों में से एक है जहा लोग दूर दूर से भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचते है और मंदिर के प्रति लोगो की बड़ी आस्था है।

महंत रविंद्रपुरी ने बताया कि ऐसे युवा जो की कम कपड़े पहन कर मंदिर आयेगे उनपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।आजकल के युवा मंदिर की मर्यादा के विरुद्ध कपड़े पहनकर मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे है जिससे की मंदिर में आने वाले बाकी श्रद्धालुओ की धार्मिक भावना आहत हो रही है और लोग इसकी शिकायत मंदिर समिति से कर रहे है जिस पर मंदिर समिति ने कड़ी कार्यवाही करते हुए ऐसे लोग जो की कपड़ो की मर्यादा को पार करते हुए मंदिर आ रहे हैं उनपर रोक लगाने का फैसला किया गया है।

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