माँ के आंचल में बच्चा सलामत, कहावत को सिद्ध कर दिखाया गांव की एक आदिवासी महिला ने।  - Swastik Mail
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माँ के आंचल में बच्चा सलामत, कहावत को सिद्ध कर दिखाया गांव की एक आदिवासी महिला ने। 

 माँ के आंचल में बच्चा सलामत, कहावत को सिद्ध कर दिखाया गांव की एक आदिवासी महिला ने। 
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माँ के आंचल में बच्चा सलामत, कहावत को सिद्ध कर दिखाया गांव की एक आदिवासी महिला ने। 

(बेटे को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गई मां) 

मध्यप्रदेश(सीधी) बुधवार, 01 दिसंबर 2021 

मध्यप्रदेश के सीधी जिले के एक गांव की एक आदिवासी महिला ने एक तेंदुए से लड़ते हुए उसके पंजे से अपने आठ साल के बच्चे को छुड़ा लिया। वन के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी ।

गांव में घर के बाहर से अपने बेटे को तेंदुए द्वारा अचानक ले जाने के बावजूद महिला ने अपना संयम नहीं खोया और अपने अन्य बच्चों को झोंपड़ी में बंद कर वह तेंदुए के पीछे जंगल की ओर दौड़ पड़ी।

निदेशक वाई पी सिंह ने कहा कि बैगा जनजाति की महिला किरण अपने तीन बच्चों के साथ अपनी झोंपड़ी के बाहर आग तापने के लिए बैठी थी, तभी अचानक एक तेंदुआ उसके बगल में बैठे आठ साल के बेटे राहुल को जबड़े में पकड़ कर जंगल की ओर भाग निकला।

महिला सदमें तो थी लेकिन उसने साहस एवं समझदारी से काम लेते हुए करीब एक किलोमीटर तक जंगल में तेंदुए का पीछा किया। जंगल में तेंदुआ झाड़ियों में छिपकर बच्चे को अपने पंजों में जकड़े हुए था। किरण ने भी हार नहीं मानी और वह डंडे से तेंदुए को डराने की कोशिश करते हुए शोर मचाती रही।

अधिकारी ने कहा तेंदुआ शायद महिला के साहस से डर गया और बच्चे को वहीं छोड़ दिया। किरण ने तुरंत बेटे को गोद में लिया लेकिन तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। हालांकि बेटे को बचाते हुए किरण ने बड़े साहस के साथ तेंदुए पर काबू पा लिया। इस दौरान किरण के मदद की गुहार सुनकर अन्य ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए और तेंदुआ जंगल में भाग गया।उन्होंने कहा कि लड़के की पीठ, गाल और आंखों पर चोटें आई हैं और हमले में उसकी मां भी घायल हो गई है।

बफर जोन के रेंजर असीम भूरिया ने मां और बेटे को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया और तत्काल एक हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की।अधिकारी ने कहा कि दोनों घायलों का उपचार वन विभाग द्वारा कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहाा ने मंगलवार को एक ट्वीट कर महिला के इस साहसिक कार्य की सराहना की।

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