नशे के खिलाफ चल रहे अभियान में जिला प्रशासन ने नशा मुक्ति केंद्रों की छान बीन शुरू की।
नशे के खिलाफ चल रहे अभियान में जिला प्रशासन ने नशा मुक्ति केंद्रों की छान बीन शुरू की।
(न डॉक्टरों का पता न मेडिकल सर्टिफिकेट)
उत्तराखंड (देहरादून) वीरवार, 09 सितंबर 2021
प्रदेश में नशे के खिलाफ चल रहे अभियान के बाद अब जिला प्रशासन ने नशा मुक्ति केंद्रों की भी छान बीन शुरू कर दी है। बुधवार को देहरादून के नशा मुक्ति केंद्र में छापा मारा गया पता चला कि बिना मेडिकल सर्टिफिकेट व बिना पुलिस वेरिफिकेशन के ही नशा मुक्ति केंद्र संचालित किया जा रहा था। जिस पर मुख्य विकास अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी व डिप्टी सीएमओ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर दो दिन में सभी व्यवस्थाए सही न हुई तो सख्त कर्रवाई की जायेगी।
बुधवार को मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे, डिप्टी सीएमओ देहरादून डॉ. संजीव गुप्ता, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जहांगीर आलम व मानसी मिश्रा ने संयुक्त रूप से जीवन रक्षक नशा मुक्ति केंद्र में औचक निरीक्षण किया।
जांच के दौरान पता चला कि नशा मुक्ति केंद्र पिछले कई वर्षों से कार्यरत है, मगर केंद्र पिछला रिकॉर्ड नही दिखा सका। निरीक्षण के दौरान यह भी पता चला कि नशा मुक्ति केंद्र में जितना स्टाफ रखा गया है उनका पुलिस वेरिफिकेशन भी कराया गया है। नशा मुक्ति केंद्र में जो नर्स रखी गई है पूछताछ में पता चला कि उनका मेडिकल सर्टिफिकेट भी एक्सपायर हो चुका था। इस दौरान मेडिकल से संबंधित जो दवाएं पेशेंट को दी जा रही थी उनमें से कुछ दवाएं नमी के कारण खराब हो चुकी थी। पूछताछ के दौरान पता चला कि नशा मुक्ति केंद्र का पिछला रिकॉर्ड ऑफिस में नहीं था जिसमें सीडीओ ने शाम तक पूरा रिकॉर्ड जमा करने के आदेश दिए। केंद्र में न तो एचआर फाइल मिली और न ही विजिट पर आने वाले डॉक्टरो का रिकॉर्ड। सीडीओ नितिका खंडेलवाल ने आदेश दिये की अगर दो दिन के अंदर सारी चीजें प्रॉपर नहीं हुई तो नशा मुक्ति केंद्र को सीज कर दिया जाएगा। नशा मुक्ति केंद्र में कार्यभार संभालने वाली रितु भास्कर ने आश्वासन दिया कि दो दिन में सब कुछ नियमानुसार कर दिया जाएगा।