श्राद्ध का अर्थ है प्रायश्चित, यही प्रायश्चित एक दिन अंदर श्रद्धा के फूल खिलाएगा :::::MAAsterG । - Swastik Mail
Breaking News

श्राद्ध का अर्थ है प्रायश्चित, यही प्रायश्चित एक दिन अंदर श्रद्धा के फूल खिलाएगा :::::MAAsterG ।

 श्राद्ध का अर्थ है प्रायश्चित, यही प्रायश्चित एक दिन अंदर श्रद्धा के फूल खिलाएगा :::::MAAsterG ।
Spread the love

श्राद्ध का अर्थ है प्रायश्चित, यही प्रायश्चित एक दिन अंदर श्रद्धा के फूल खिलाएगा :::::MAAsterG ।

(जीते जी कोई कभी किसी की कद्र नहीं करता और फिर मरने के बाद वो फूल चढ़ाता है)

उत्तराखंड (देहरादून) वीरवार, 11 सितम्बर 2025

श्राद्ध, सबका प्रायश्चित है क्योंकि जीते जी कोई कभी किसी की कद्र नहीं करता और फिर मरने के बाद वो फूल चढ़ाता है । तो ये श्राद्ध तभी है जब तुम अपने अंदर की उस श्रद्धा को जगाओ । श्रद्धा क्या है ? प्रेम, प्रेम, प्रेम! अगर तुम्हारे अंदर प्रेम जाग जाए तो तुम्हारी आँखों से आँसू गिरें कि “मैंने अपने प्यारे के जीते जी उसको कभी जाना ही नहीं, उसके जीते जी मैंने उसका इतना अपमान किया और अब दिल से प्रायश्चित हो रहा है” । चाहे वो तुम्हारे माता-पिता, सास-ससुर, भाई-बहन कोई भी हो, श्राद्ध के दिन अपने उस प्यारे के लिए, जो चला गया, छुट्टी लें और पूरा दिन उसके संग अपने किए व्यवहार का चिंतन करें जब वो ज़िंदा थे । आज उनको याद करके जी भर के रोएँ यदि हमने उनके जीते जी उनका अपमान किया, उन पर ध्यान नहीं दिया । हम दुनिया में इधर-उधर भागता रहे और अपने उन माँ-बाप को, उन दादा-दादी को, नाना-नानी को पूछा भी नहीं । तो आज संकल्प लें कि “आज मेरा ये विरह का दिन है, विरह!” ये दर्द का दिन है, आज उनके लिए मैं अपनी प्रीत जगाऊँगा और अगर श्राद्ध में ऐसा हो गया तो तुमने उस अपमान का प्रायश्चित कर लिया जो तुमने अपने नजदीक वालों के साथ किया । तो श्राद्ध का ये दिन प्रायश्चित का दिन है । अगर तुम एक दिन प्रायश्चित कर सकते हो तो बढ़िया है, लेकिन अगर तुम रोज प्रायश्चित कर सकते हो तो रोज करो! अगर रोज प्रायश्चित करें और अगर श्राद्ध सही किया तो नवरात्र यानी नई रात्रि आ जाएगी यानी नया दिन, नया जीवन मिलेगा; माँ प्रकट हो जाएगी, जगत-जननी प्रकट हो जाएगी, श्रद्धा प्रकट हो जाएगी । फिर चाहे तुम आँख बंद करके उनको अपने ही मुख से पिता का मुख समझ, माँ का ही मुख समझ भोग या जो भी चले गए उनको ऐसे अपने मुख द्वारा भोग लगाओ और उस दिन सिर्फ उनकी स्मृतियों में और अपनी चूक, अपनी गलतियों में रहो और अगर उस दिन तुम श्राद्ध को सही कर गए तो देखना संसार में तुम्हारा जीवन कितना मैत्री और प्रेम भाव में हो जाएगा, सब में प्यार! क्योंकि पहले गलती की, अब उनके प्रति वो गलती नहीं करूँगा कि जो आज हैं और कल नहीं होंगे और अभी से ही वो प्रेम का बीज फूटा, श्रद्धा आई तो माँ स्वयं प्रकट हो जाएगी, जगत-जननी स्वयं प्रकट हो जाएगी और नवरात्रि के पहले दिन तुम ज्योतिर्मय हो जाओगे और ये किसी भी समय हो सकता है । श्राद्ध और नवरात्र कोई एक दिन के मोहताज नहीं हैं पर तुम अपनी इस खोपड़ी, अपने इस दिमाग से नहीं चलते, सिर्फ नकल करते हो । इसलिए ये श्राद्ध बहुत कीमती है । तुम्हारी खोपड़ी में घुस जाए कि तुमने जो चले गए उनके साथ कितना गलत किया है और फिर मालूम पड़ेगा कि जो जिंदा हैं उनके साथ तुम कितना गलत कर रहा हो । तो श्राद्ध का अर्थ है प्रायश्चित, यही प्रायश्चित एक दिन अंदर श्रद्धा के फूल खिलाएगा ।

MAAsterG का अनमोल ज्ञान उनके यूट्यूब चैनल ‘MAAAsterG’ पर निशुल्क उपलब्ध है।

Related post

error: Content is protected !!