ऋषिकेश एम्स ने 100 मेडिकल स्टाफ को अचानक नौकरी से निकालकर बाहर का रास्ता दिखा दिया।
ऋषिकेश एम्स ने 100 मेडिकल स्टाफ को अचानक नौकरी से निकालकर बाहर का रास्ता दिखा दिया।
(एम्स प्रशासन के खिलाफ मेडिकल स्टाफ का धरना प्रदर्शन चालू)
उत्तराखंड (ऋषिकेश) शनिवार, 08 जनवरी 2022
कोरोना के कहर के बीच सबसे ज्यादा मेडिकल स्टाफ की जरूरत है। ऐसे समय में भर्ती की जगह एम्स प्रशासन की एक एजेंसी ने अपने करीब 100 मेडिकल स्टाफ को अचानक नौकरी से निकालकर बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिससे नाराज होकर मेडिकल स्टाफ ने एम्स प्रशासन और एजेंसी के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। सुबह से हो रहे हंगामे के बीच समस्या सुनने पहुंची तहसीलदार को मेडिकल स्टाफ के गुस्से का सामना करना पड़ा। हंगामे की वजह से ओपीडी पहुंचे मरीजों को भी फजीहत झेलनी पड़ी। बड़ी संख्या में मेडिकल स्टाफ के बाहर निकाले जाने से एम्स के अंदर स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ाने की भी आशंका जताई जा रही है। स्टाफ का साफ कहना है कि जब तक उन्हें उनकी नौकरी वापस नहीं मिलती वह एम्स प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन और नारेबाजी करते रहेंगे।
मेडिकल स्टाफ विवेक सिंह ने बताया कि शुक्रवार की रात उन्हें अचानक लेटर देकर कहा गया कि वह कल से ड्यूटी पर ना आए। क्योंकि उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। बताया यह लेटर 100 मेडिकल स्टाफ को दिया गया है। कहना है कि कोरोना के कहर के बीच उन्होंने अपनी सेवाएं दी और अब उनको यह सिला मिला है कि नौकरी से बाहर निकाला जा रहा है। मेडिकल स्टाफ प्रियंका ने बताया कि नौकरी लगाने के समय भी उन्होंने एजेंसी को खासी रकम दी थी। 2 साल की नौकरी अभी पूरी भी नहीं हुई कि उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। 20 साल की उम्र में उन्होंने ना जाने कितने डेड बॉडी को कोविड-19 के कहर के बीच मोर्चरी में रखवाया है। संक्रमित मरीजों की सेवा की है। पीपीई किट पहनकर अनगिनत बार वह बेहोश हुई है। आखिर किस गलती की सजा उन्हें नौकरी से निकाल कर दी जा रही है। इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है। प्रियंका ने साफ कहा कि जब तक नौकरी वापस नहीं मिलती वह सभी मेडिकल स्टाफ के साथ मिलकर धरने प्रदर्शन पर बैठी रहेगी।
एम्स के पीआरओ हरीश थपलियाल ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। फिलहाल अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है।