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सीमा डेंटल कॉलेज के कर्मचारियों का तनख्वाह और ग्रेजुएटी को लेकर प्रबंधन वर्ग से विवाद।

 सीमा डेंटल कॉलेज के कर्मचारियों का तनख्वाह और ग्रेजुएटी को लेकर प्रबंधन वर्ग से विवाद।
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सीमा डेंटल कॉलेज के कर्मचारियों का तनख्वाह और ग्रेजुएटी को लेकर प्रबंधन वर्ग से विवाद।

(कामकाज ठप, प्रबंधन वर्ग हरकत में आया)

उत्तराखंड (ऋषिकेश) मंगलवार, 09 मई 2023

सीमा डेंटल कॉलेज के कर्मचारियों का तनख्वाह और ग्रेजुएटी को लेकर प्रबंधन वर्ग से विवाद हो गया है। विवाद को सुलझाने पहुंचे जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान के साथ भी प्रबंधन वर्ग ने बदसलूकी की है। जिससे नाराज होकर जिला पंचायत सदस्य के नेतृत्व में कर्मचारियों ने प्रबंधन वर्ग के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

सीमा डेंटल कॉलेज के कर्मचारियों ने प्रबंधन वर्ग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कामकाज ठप हुआ तो प्रबंधन वर्ग हरकत में आया। कर्मचारियों से बात करने की कोशिश की। लेकिन कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़ गए। कर्मचारियों का कहना है कि 20 साल से नौकरी करने के बाद भी उन्हें 9 हजार से अधिक की तनख्वाह नहीं दी जा रही है। हर पांच साल में मिलने वाली ग्रेजुएटी के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। पहले उन्हें चेक के माध्यम से ग्रेजुएटी की रकम दी जाती है, फिर नकद के रूप में ग्रेजुएटी वापस ले ली जाती है। जो कर्मचारी ग्रेजुएटी की रकम वापस नहीं देता उसे बाहर का रास्ता दिखाया जाता है। प्रबंधन वर्ग इस पॉलिसी के खिलाफ मजबूरी में कर्मचारियों को धरना प्रदर्शन करना पड़ा है। कई दिन तक समस्या का संज्ञान नहीं लेने पर जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान को भी सीमा डेंटल कॉलेज में बुलाया गया। इस दौरान संजीव चौहान ने आरोप लगाया कि वार्ता करने के दौरान कॉलेज के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर विवेक संघ ने उनके साथ बदसलूकी की। अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया। संजीव चौहान ने बताया कि एक जनप्रतिनिधि के साथ जब एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर का यह व्यवहार है तो कर्मचारियों के साथ कैसा व्यवहार होगा यह आसानी से समझा जा सकता है। संजीव चौहान ने कहा कि कर्मचारियों के हक की लड़ाई को हर स्तर पर लड़ा जाएगा।

सीमा डेंटल कॉलेज के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर विवेक संघ ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया। कहा कि कुछ कर्मचारी ठेकेदारी प्रथा से हटकर परमानेंट करने की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग को पूरा किया जाना संभव नहीं है। इसलिए इस प्रकार के आरोप लगाकर कॉलेज प्रबंधन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। बताया कि समय-समय पर कर्मचारियों की तनख्वाह बढ़ाई जाती है। ग्रेजुएटी की रकम चेक के माध्यम से दी जाती है और किसी भी प्रकार से नकद के रूप में वापस नहीं ली जाती है।

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