गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार में गुरुद्वारा समिति ने नई प्रबंध समिति के चुनाव गुप्त रूप से करवाए।
गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार में गुरुद्वारा समिति ने नई प्रबंध समिति के चुनाव गुप्त रूप से करवाए।
(वर्ष 2016 से चल रहा है वाद ,प्रबंध समिति पर उठे सवाल)
उत्तराखंड (देहरादून) सोमवार, 28 फरवरी 2022
वर्ष 2016 से वाद में चल रहे श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार देहरादून की नयी प्रबंध समिति के चुनाव सरकार के निबंधक कार्यालय द्वारा गुुपचुप तरीके से करवाने का मामला सामने आया है ।
श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार देहरादून में हो रही वित्तीय अनिमितताओं अथवा चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत सब रजिस्ट्रार कार्यालय में कुछ सदस्यों द्वारा कराई गयी थी।
रजिस्ट्रार कार्यालय ने वर्ष 2017 में अपनी देखरेख में चुनाव करवाने के आदेश तब गुरुद्वारा समिति को दिए थे । गुरुद्वारा समिति ने गुप्त रूप से किसी निजी बरात घर में अपने करीबी लोगों को बुलवा कर रातों रात चुनाव करवा दिए थे । जिसके चलते रजिस्ट्रार कार्य ने गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा को अपंजीकृत कर दिया था । चुनावी वाद रजिस्ट्रार कार्यालय ने एसडीएम सदर देहरादून को संदर्भित कर दिया था । 2017 में मामला नैनीताल हाई कोर्ट गया । 
कोर्ट ने कहा की विहित अधिकारी एसडीएम महोदय का निर्णय अंतिम होगा । फरवरी 2021 में नैनीताल हाई कोर्ट ने एसडीएम को यह मामला 6 माह के भीतर निपटाने का निर्देश दिए। कोविड के चलते पहले से ही एसडीएम न्यायालय में सुनवाई देरी से चल रही थी की अचानक 30 नवंबर 2021 को रजिस्ट्रार कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी श्री रामकुमार सिंह ने मात्र 42 लोगों को आया दिखा कर चुनाव करवा दिए ।
रजिस्ट्रर सोसाइटीज से कुछ सवाल ।
1. श्री गुरु सिंह सभा का चुनावी वाद जब एसडीएम न्यायालय में विचाराधीन है और जिसका संज्ञान माननीय हाई कोर्ट में भी है , ऐसी चुनाव करवाने की क्या जल्दी थी ।
2. देहरादून महानगर में तक़रीबन 60000 सिख निवास करते है , आपने मात्र 42 लोगों में से कैसे चुनाव करवा दिए ,42 में से 7 लोग एक ही अध्यक्ष परिवार के हैं ।
3. आपने एसडीएम के आदेश के मुताबिक शहर के सभी सिखों को सदस्य बनाने का अवसर प्रदान क्यों नहीं किया ।
4. सोसाइटी एक्ट 1980 के अनुसार आपने सभी सदस्यों को खुद सूचित क्यों नहीं किया ।
5. हाई कोर्ट नैनीताल में श्री गुरु सिंह सभा सोसाइटी के खिलाफ जिन 11 लोगों ने याचिका दायर की थी उनको इस चुनाव में भागिदार क्यों नहीं बनाया ।
5. सदस्य्ता शुल्क कैसे और कब जमा हुए इसकी जांच क्यों नहीं की ।
6. जब चुनाव श्री गुरु सिंह सभा के पंजीकृत कार्यालय में होने का आदेश प्रशासनिक अधिकारी श्री रामकुमार सिंह को दिया गया था तो 3 किलोमीटर दूर बरातघर में चुनाव क्यों करवाए गए ।
7. जब सभा का चुनावी वाद 2016 से चल रहा है और रजिस्ट्रार कार्यालय अनुसार कोई पदाधिकारी पद पर रहने का हक़दार नहीं है तो नए सदस्य बनाने का अधिकार किसको था ।
8. चुनाव पूर्व संस्था के पुराने सदस्यों को अपनी सदस्यता नवीनीकरण करने का अवसर क्यों नहीं दिया गया ।
9. संस्था के अभिलेखों अनुसार 2020 में 427 सदस्यों ने अपना चंदा जमा करवाया तो 2021 मई आपने मात्र 42 सदस्यों में चुनाव कैसे करवा दिए ।
10. चुनाव को गलत ठहराते हुए कई पूर्व सदस्यों द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय में आपत्तियां डाली गयी , क्या उनका संतोषजनक निस्तारण किया जा चूका है ।
11. सोसायटी कार्यालय द्वारा ही संस्था पर चुनावी कार्यवाही पर रोक लगाई गई थी फिर किस आधार पर सोसाइटी कार्यालय अपने आदेश से पलट गया।
12. जिन कारणों और अनियमितता के चलते संस्था अपंजीकृत की गई थी क्या उन का निस्तारण हुआ? क्या वजह रही जो सोसाइटी कार्यालय ने द्वितीय पक्ष को नही सुना और एकपक्षीय कार्यवाही की।
13. श्री गुरु सिंह सभा किसी भी शहर की सर्वोच्च सिख संथा होती है , देहरादून शहर में लगभग 34 छोटे गुरुद्वारा भी है , उनके प्रतिनिधि इस चुनाव में शामिल क्यों नहीं किये गए ।
14. श्री अकाल तखत साहिब अमृतसर एवं भारत सरकार द्वारा गुरुद्वारा प्रबंधन हेतु कुछ कड़े नियम बनाये गए हैं , क्या आपने ये चुनाव करवाने हेतु उनका संज्ञान लिया।
शहर के सिख समाज का एक बहुत बड़ा खेमा विशेष कर युवा , श्री गुरु सिंह सभा देहरादून पर हो रक्खे एक परिवार समूह के अवैध कब्ज़े को लेकर लम्बे समय से आन्दोलंकृत रहा है।