रायपुर निवासी नर्स कमला थापा को मरणोपरांत प्रतिष्ठित नाइटेंगल अवार्ड से सम्मानित किया गया।  - Swastik Mail
Breaking News
युवा सेना अध्यक्ष सागर रघुवंशी के नेतृत्व में निजी व पब्लिक स्कूलों द्वारा शिक्षा के नाम पर हो रहे शोषण के विरुद्ध युवा सेना (शिव सेना) ने दिया SDM साहिबा स्मिता पवार जी को ज्ञापन।जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में जनपद देहरादून में SIR  के अंतर्गत विधानसभावार चल रही मैपिंग कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।सार्वजनिक सुविधाओं के लिए रात में सर्शत सड़क खुदाई की अनुमति, क्यूआरटी करेगी मानकों की निगरानी।उत्तराखंड के 307 किसानों ने कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) योजना का उठाया लाभ: कृषि राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर।देहरादून समाज कल्याण विभाग की पहलः अंतर-पीढ़ीगत संवाद को मिलेगी नई उड़ान, वरिष्ठ और युवा जुड़ेंगे अनुभव से।

रायपुर निवासी नर्स कमला थापा को मरणोपरांत प्रतिष्ठित नाइटेंगल अवार्ड से सम्मानित किया गया। 

 रायपुर निवासी नर्स कमला थापा को मरणोपरांत प्रतिष्ठित नाइटेंगल अवार्ड से सम्मानित किया गया। 
Spread the love

रायपुर निवासी नर्स कमला थापा को मरणोपरांत प्रतिष्ठित नाइटेंगल अवार्ड से सम्मानित किया गया। 

(सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त के बाद भी लोगों की सेवा करती थीं) 

(राष्ट्रपति ने वर्चुअल समारोह में उनके परिजनों को दिया सम्मान) 

उत्तराखंड (देहरादून) शुक्रवार, 17 सितंबर 2021

रायपुर निवासी नर्स कमला थापा को मरणोपरांत प्रतिष्ठित नाइटेंगल अवार्ड से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक वर्चुअल समारोह में उनके परिजनों को यह सम्मान प्रदान किया।

नर्स कमला थापा की मृत्यु इसी साल हुई थी। उनका बेटा दीपक थापा मर्चेंट नेवी में तैनात है, जबकि बेटी दीप्ति रौतेला नेहरु कालोनी में रहती हैं। कमला थापा ने 27 साल दून अस्पताल में सेवाएं दी थीं। उसके बाद 10 साल मेला अस्पताल हरिद्वार में रही। 37 साल की सेवा के बाद वर्ष 2011 में वह सेवानिवृत्त हुई। अस्पताल में तैनात रहते हुए उन्होंने मरीजों की बहुत सेवा की है। खासकर अस्पताल में आने वाले बेसहारा व अनाथों की सेवा के लिए वह हमेशा तत्पर रहती थीं। दून अस्पताल में उन्होंने अधिकांश ड्यूटी बर्न वार्ड में की थी।

सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त के बाद भी लोगों की सेवा करती थीं। इस साल कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। इस दौरान भी वह कोरोना के अन्य मरीजों का हौसला बढ़ाती रही। हालांकि काफी दिन तक बीमार रहने के बाद नर्स कमला थापा जिंदगी की जंग हार गई। उनके सेवा कार्यों के लिए उन्हें मरणोपरांत नाइटेंगल अवार्ड मिला है।

Related post

error: Content is protected !!