सभी निजी अस्पतालों में नकली और असली वैक्सीन में अंतर करने को लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी।

सभी निजी अस्पतालों में नकली और असली वैक्सीन में अंतर करने को लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी।
(नकली वैक्सीन का गोरख धंधा शुरू)
उत्तराखंड (देहरादून) सोमवार, 06 सितंबर 2021
कुछ राज्यो में वैक्सीन को लेकर भी गोरख धंधा शुरू हो गया है। कुछ राज्यों में नकली वैक्सीन के मामले सामने आए हैं। जिसके बाद केंद्र के साथ प्रदेश सरकार भी सतर्क हो गई है।
केंद्र से जारी गाइडलाइन के आधार पर उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। इसी हफ्ते से सभी निजी अस्पतालों को नकली और असली वैक्सीन में अंतर करने को लेकर ट्रेनिंग देनी शुरू की जाएगी।लाजमी है कि देश में हर अच्छे काम में बुरे लोग गलत धंधा खोज निकालते हैं। कोरोना महामारी ने हर वर्ग को परेशान किया है।
पूरे देश का नुकसान किया है। ऐसे में कोरोना टीकाकरण ही बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय माना जा रहा है। मगर इसमें भी अड़चनें पैदा होनी शुरू हो गई हैं। नकली वैक्सीन के मामले सामने आ रहे हैं।
असली और नकली कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट किया है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने कुछ बिन्दुओं के जरिए जानकारी साझा की है। केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ऐसे मापदंड साझा किये हैं।
जिससे राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के सेवा प्रदाताओं और निगरानी टीमों को किसी भी नकली कोविड-19 टीकों की पहचान करने में सक्षम बनाया जा सके और उन्हें देश में लगने से रोका जा सके।
यह कदम विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका क्षेत्र में पहचाने जा रहे नकली कोविशील्ड टीके पर चिंता जताये जाने की पृष्ठभूमि में आया है।
केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को असली कोरोना वैक्सीन की पहचान के लिए मापदंड भेजा है, जिसे देखकर पहचान की जा सकती है कि वैक्सीन असली है या नकली? इस मापदंड में अंतर पहचानने के लिए कोविल्ड शील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक V तीनों वैक्सीन पर लेबल, उसके कलर, ब्रांड का नाम क्या होता है, इन सब की जानकारी साझा की गई है।
अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने गत दो सितंबर को केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों (स्वास्थ्य) को लिखे पत्र में कहा, ‘‘यह अनुरोध किया जाता है कि टीकों को उपयोग से पहले सावधानीपूर्वक प्रमाणित करने की आवश्यकता है,
वास्तविक कोविड-19 टीकों के लेबल की जानकारी और उपयोग में आने वाले कोविड-19 टीकों की अतिरिक्त जानकारी राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तहत कार्यक्रम प्रबंधकों और सेवा प्रदाताओं के संदर्भ के लिए संलग्न की जा रही है।
पत्र में कहा गया है, ‘‘कोविड-19 टीकाकरण के लिए सेवा प्रदाताओं और निगरानी टीमों को इन विवरणों के बारे में सूचित किया जा सकता है और नकली टीकों की पहचान के लिए उचित परिश्रम सुनिश्चित किया जा सकता है।।’’
एक असली कोविशील्ड शीशी की बोतल पर गहरे हरे रंग में एसआईआई उत्पाद का लेबल शेड, उल्लिखित ट्रेडमार्क के साथ ब्रांड नाम और गहरे हरे रंग की एल्यूमीनियम फ्लिप-ऑफ सील होगी। एसआईआई लोगो लेबल के चिपकने वाली ओर और एक अद्वितीय कोण पर मुद्रित होता है जिसे केवल उन कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा पहचाना जा सकता है जो सटीक विवरण से अवगत हैं। अक्षरों को अधिक स्पष्ट और पठनीय होने के लिए विशेष सफेद स्याही में मुद्रित किया जाता है।
मापदंडों के अनुसार, पूरे लेबल को एक विशेष बनावट मधुकोश प्रभाव दिया गया है जो केवल एक विशिष्ट कोण पर दिखाई देता है। कोवैक्सीन लेबल में नकल रोधी सुविधाओं में अदृश्य यूवी हेलिक्स (डीएनए जैसी संरचना) शामिल है जो केवल यूवी प्रकाश के तहत दिखाई देता है। स्पुतनिक के मामले में यह आयातित उत्पाद रूस से दो अलग-अलग थोक निर्माण स्थलों से हैं
इन दोनों स्थलों के लिए दो अलग-अलग लेबल हैं जबकि सभी जानकारी और डिज़ाइन समान हैं, केवल निर्माता का नाम अलग है। अब तक सभी आयातित उत्पादों के लिए, अंग्रेजी लेबल केवल 5 एम्प्यूल पैक के कार्टन के आगे और पीछे उपलब्ध है, जबकि अन्य सभी ओर एम्प्यूल पर प्राथमिक लेबल सहित, रूसी में है।