काग्रेसी नेता पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार का देर रात बिमारी के चलते निधन।

काग्रेसी नेता पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार का देर रात बिमारी के चलते निधन।काग्रेसी नेता पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार का देर रात बिमारी के चलते निधन।
(अम्बरीष कुमार का निधन से हरिद्वार की राजनीति के एक युग का अन्त हो गया)
उत्तराखंड (हरिद्वार) बुधवार 21 जुलाई 2021
हरिद्वार की राजनीति में धूरी रहे वरिष्ठ काग्रेसी नेता पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार का देर रात बिमारी के चलते निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही नगर में षौक की लहर दौड गयी हरिद्वार के राजनैतिक गलिययारो में भाईजी के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले अम्बरीष कुमार ने अपने चार दशक लम्बे सफर में सफर की शुरूवात सत्तर के दशक मे युवा कंाग्रेस के सदस्य के रूप मे की थी अपने लम्बे राजनैतिक जीवन में अपने सिद्वांतो के चलते उन्होने कभी राजनैतिक परिस्थितियो से समझौता नही किया।
बडे सवेरे से ही उनके ज्वालापुर स्थित आवास पर पहुचे विभिन्न राजनीतिज्ञों व उनके समर्थको ने उनके अन्तिम दर्षन कर उन्हे अपनी श्रृद्वाजंली अर्पित की।
1977 में इन्दिरा गाधी की चुनावी हार के बाद उन्हे पुन सार्वजनिक कार्यक्रम में पहली बार हरिद्वार लाकर उनकी रैली आयोजित करा अम्बरीष कुमार ने युवा कांग्रेस नेता के रूप में अपनी राजनैतिक पकड को साबित किया था।
उनकी अन्तिम यात्रा ज्वालापुर स्थित उनके आवास से कनखल शमघाट के लिए रवाना हुई। जहा उनका अन्तिम संस्कार उनकी बेटी प्रियवंदा ने किया गया। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व पूर्व कैबनेट मंत्री मदन कौशिक कैबनेट मंत्री स्वामी यतीषरानंद महाराज विधायक काजी निजामुद्वीन विधायक ममता राकेेश विधायक आदेेश चौहान श्रमिक नेता मुरली मनोहर पूर्व राज्यमंत्री डा संजय पालीवाल पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रदीप चैधरी पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रहमचारी मेयर अनीता शर्मा मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा पूर्व मेयर मनोज गर्ग महानगर कांग्रेस अध्यक्ष संजय अग्रवाल सहित विभिन्न राजनेताओ व सामाजिक संस्थाओ से जुडे लोगो ने श्रृद्वाजंलि अर्पित की।
1985 में हरिद्वार विधान सभा से स्थानीय बनाम बाहरी प्रत्याषी को मुददा बनाकर चुनाव में उतने अम्बरीष कुमार ने राजनीति के क्षेत्र में अपनी पकड को साबित किया था हालाकि इस चुनाव में वह मात्र 71 मतो से चुनाव हार गये थे। उस समय बी बी सी रेडियो से हरिद्वार चुनाव का बुलेटिन प्रसारित होना चुनाव के महत्व को दर्शात था।
राजनीति क्षेत्र में उनके राजनैतिक विरोधी भी उनके वैचारिक चिन्तन कानून के ज्ञान व विभिन्न कार्यक्रमो में जाने से पूर्व कार्यक्रम से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओ का गहन अध्ययन कर उस पर उनके सम्बोधन की कला का लोहा मानते थे। तत्कालीन उत्तर प्रदेष में हरिद्वार से विधायक बनने के बाद उन्होने पहली बार ही तत्कालिन विधान सभा अध्यक्ष के विदेशी प्रवास के दौरान उत्तर प्रदेश विधान सभा की अध्यक्षता कर विधान सभा में अपनी प्रतिभा को सिद्व किया था। उत्तराखण्ड गठन के बाद अन्तरिम विधान सभा में वह लेखा समिति के अध्यक्ष रहे ।
अपने लम्बे राजनैतिक सफर में उन्होने पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी हेमवती नन्दन बहुगुणा कमलापति त्रिपाठी नारायण दत्त तिवारी जैसे नेताओ के साथ अपने राजनीति की।
हरिद्वार नगर पालिका में चार दशक तक नगर पालिका की राजनीति की धूरी रहे अम्बरीष कुमार ने अपनी लम्बे राजनैतिक सफर में विभिन्न उतार चढाव देखने के चलते अपने को जीवन के अन्तिम समय तक सक्रिय रखा चार दषक तक नगर पालिका की राजनीति में उनकी युनियन हमेषा केन्द्र बिन्दु रही बहुत से बडे प्रषासनिक अधिकारी भी अम्बरीष जी के अनुभवो का लाभ समय समय पर आने वाली समस्याओ के समाधान हेतु उनसे लेते थे। वर्तमान समय में हरिद्वार व प्रदेष की राजनीति के केन्द्र बिन्दु कई बडे नेताओ ने अपने राजनैतिक सफर की शुरूवात अम्बरीष कुमार के सानिध्य में रहकर शुरू की ।पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार का निधन।
उत्तर प्रदेश में कई एम एल सी व विधायको को अपने समर्थको के बल पर विधान परिषद व विधान सभा तक पहुचाने वाले अमरीष कुमार को हरिद्वार व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बडे नेताओ में शुमार करते हुए हरिद्वार के राजनीति का चाणक्य कहा जाये तो अतिशियोक्ति नही होगा।
अम्बरीष कुमार का निधन हरिद्वार की राजनीति में कभी न पूर्ण होने वाली क्षति है। उन्होने आजीवन आम आदमी की आवाज बनकर अपना राजनैतिक सफर तय किया उनके निधन से हरिद्वार की राजनीति के एक युग का अन्त हो गया ।
अपने लम्बे राजनैतिक सफर में अम्बरीष कुमार के अपने समय के राजनैतिक दिग्गज रहे चैधरी यशपाल सिंह चै अजीत सिंह व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह से काफी नजदीकी सम्बन्ध रहे । विभिन्न पार्टीयो से जुडे नेता अम्बरीष कुमार की नेतृत्व क्षमता व उनकी आम जनता में पकड को जानते व समझते थे। 2019 में उन्होने कॉग्रेस के टिकट पर हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याषी के रूपमें चुनाव लडा था । वही आने वाले विधान सभा चुनाव में उन्हे रानीपुर विधान सभा सीट से कांग्रेस के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा था।