भाजपा राष्ट्रीय सहकोषाध्यक्ष व सासंद राज्य सभा डा. नरेश बंसल ने सदन मे प्रशनकाल मे नशे की बढ़ती मांग व उसकी प्रभावी रोकथाम हेतु अभियान का लोकहित का प्रशन उठाया। - Swastik Mail
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भाजपा राष्ट्रीय सहकोषाध्यक्ष व सासंद राज्य सभा डा. नरेश बंसल ने सदन मे प्रशनकाल मे नशे की बढ़ती मांग व उसकी प्रभावी रोकथाम हेतु अभियान का लोकहित का प्रशन उठाया।

 भाजपा राष्ट्रीय सहकोषाध्यक्ष व सासंद राज्य सभा डा. नरेश बंसल ने सदन मे प्रशनकाल मे नशे की बढ़ती मांग व उसकी प्रभावी रोकथाम हेतु अभियान का लोकहित का प्रशन उठाया।
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भाजपा राष्ट्रीय सहकोषाध्यक्ष व सासंद राज्य सभा डा. नरेश बंसल ने सदन मे प्रशनकाल मे नशे की बढ़ती मांग व उसकी प्रभावी रोकथाम हेतु अभियान का लोकहित का प्रशन उठाया।

(नशा मुक्त भारत अभियान के तीसरे चरण के लिए निर्धारित नए परिणाम आधारित लक्ष्य क्या है)

उत्तराखंड (देहरादून) शनिवार, 06 दिसंबर 2025

भाजपा राष्ट्रीय सहकोषाध्यक्ष व सासंद राज्य सभा डा. नरेश बंसल ने सदन मे प्रशनकाल मे नशे की बढ़ती मांग व उसकी प्रभावी रोकथाम हेतु अभियान का लोकहित का प्रशन उठाया।

डा. नरेश बंसल ने तारांकित प्रश्न संख्या-32

मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम (नशा मुक्त भारत अभियान) मे पुछा कि क्या सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :

(क) अगस्त, 2025 के बाद नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबी) के तीसरे चरण के लिए निर्धारित नए परिणाम आधारित लक्ष्य क्या हैंः-

(ख) लक्षित नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबी) हस्तक्षेप के लिए उच्च जोखिम वाले जिलों की पहचान करने हेतु मंत्रालय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित डेटा एनालिटिक्स का उपयोग किस प्रकार कर रहा है।

(ग) क्या सरकारी अनुदान प्राप्त करने वाले सभी नशा मुक्ति केंद्रों के लिए अनिवार्य प्रमाणन प्रक्रिया लागू की गई है।

(घ) मंत्रालय किस प्रकार से कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसरों के माध्यम से स्वस्थ हुए व्यक्तियों को मुख्य धारा में वापस लाने का कार्य कर रहा है और

(ड) नशीली दवाओं की मांग में कमी के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीडीडीआर) के पुनर्निमाण की वर्तमान स्थिति क्या है?

जिसका लिखित उत्तर मानिनीय मंत्री श्री विरेन्द्र कुमार ने सदन के पटल पर रखा और बताया कि :

उत्तरः- क- नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) के 5 वर्ष पूरे होने के समारोह के लिए सभी राज्यों और संघ राज्य-क्षत्रों में नागरिकों को मोबिलाइज करने के लिए, एक राष्ट्रीय अभियान (1 अगस्त, 2025 से नवंबर, 2025 तक) आयोजित किया गया जिसके दौरान प्रतिस्पर्धी और भागीदारी गतिविधियों की एक श्रंखला आयोजित की गई जिसके जरिये 6.5 करोड से अधिक लोगों तक पहुंचाया गया। जागरूकता सृजन गतिविधियों की गति को आगे भी बनाए रखने हेतु अगस्त, 2025 के बाद एनएमबीए के लिए नए परिणाम आधारित लक्ष्य निर्धारित किए गए जिसमें निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान कंेद्रित किया गया हैः-

ऽ नशा मुक्त भारत अभियान के युवाओं/मास्टर स्वयंसेवकों को सशक्त बनाना, उनको प्रशिक्षण देना और उनकी क्षमता को बढ़ाना।

ऽ साक्ष्य आधारित सामग्री के साथ आईईसी साधनों और तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करना।

ऽ संवेदनशील और जोखिम वाले समूहों के लिए लक्षित हस्तक्षेप दृष्टिकोण।

ऽ निरंतर प्रयास करने की दृष्टि से नए आस्था-आधारित/आध्यात्मिक संगठनों की भागीदारी।

ऽ संबंधित मंत्रालयों के साथ अंतर-मंत्रालयों सहयोग और समन्वय।

ऽ गुणवत्तापूर्ण व्यसन-मुक्ति, उपचार, पुनर्वास और टेलीमेडिसिन सेवाएं।

(ख) इस विभाग ने भारत में नशीले पदार्थ के दुरूपयोग के विस्तार और पैटर्न के संबंध में द्वितीय राष्ट्रीय सर्वेक्षण करने का कार्य राष्ट्रीय औषध व्यसन उपचार केन्द्र (एनडीडीटीसी), एम्स को सौंपा है ताकि भारत मे विभिन्न नशीले पदार्थों का दुरूपयोग करने वाले लोगों और नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले विकारों से पीडित लोगों (हानि पहुंचाने वाले पदार्थों का उपयोग करने वाले और विभिन्न नशीले पदार्थों पर निर्भर लोगों) की संख्या के अनुपात और इसकी ठीक-ठीक संख्या का राष्ट्रीय, राज्य-स्तरीय और जिला-स्तरीय अनुमान प्राप्त हो सके और साथ ही साथ, विशिष्ट जनसंख्या समूहों में नशीले पदार्थों के दुरूपयोग और इसके परिणामों के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।

नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) के तहत लक्षित हस्तक्षेपों के लिए अधिक जोखिम वाले जिलों की पहचान करने के लिए एनडीडीटीसी, एम्स द्वारा एआई-आधारित विश्लेष्ण किया गया है।

(ग) देशभर में नशीले पदार्थों की लत के उपचार की सुविधाओं की गुणवत्ता को मानकीकृत करने और इसमें सुधार लाने के उद्देश्य से सरकार से अनुदान सहायता चाहले या प्राप्त करने वाले किसी भी संगठन के लिए यह अनिवार्य बनाया गया है कि वे नीति आयोग के एनजीओ दर्पण पोर्टल पंजीकरण करवाएं संबंधित राज्य सरकार/संघ राज्य-क्षेत्र से अनुशंसा करवाएं। यह अनुशंसा केवल तभी जारी की जाती है जब संबंधित संगठन ने सभी लागू कानूनों, नियमों और विनियमों का पूरी तरह अनुपालन कर लिया हो।

इसके अलावा प्रत्येक सहायता अनुदान संस्थान (जीआईए) को एनएपीडीडीआर दिशानिर्देशों के अनुसार मंत्रालय द्वारा चुने गए संगठनों से अवश्य पंजीकृत होना चाहिए। वर्तमान में, ऐसे संगठनों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया राष्ट्रीय अस्पताल प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) के माध्यम से चलाई जा रही है।

(घ) सार्थक आजीविका कार्यकलापों और रोजगार अवसरों को बढ़ावा देने के लिए पूर्व में नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले किंतु अब ठीक हो चुके लोगों को कौशल विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण तथा आजीविका में सहायता देने वाले कार्यक्रम नशीले पदार्थों के दुरूपयोग के पीडित हेतु एकीकृत पुनर्वास केंद्र (आईआरसीए) और जिला नशा मुक्ति केंद्र (डीडीएसी) सहित सहायता अनुदान संस्थान (जीआईए) के माध्यम से चलाए जाते हैं। यह विभाग कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग और अन्य मंत्रालयों/विभागों तथा अन्य एजेंसियों/संस्थानों एवं नशा मुक्त भारत अभियान से जुडे आध्यात्मिक संगठनों के सामंजस्य से ऊपर उल्लिखित गतिविधियों को बढ़ावा देता है।

ड- नशीले पदार्थों की मांग कमी लाने की राष्ट्रीय कार्य-योजना को पुनव्र्यस्थित करने के लिए विभाग द्वारा अनेक हितधारकों- राज्य सरकारों/ संघ राज्य-क्षेत्रों, एनजीओ/सीबीओ और जीआई, विशेषज्ञों, स्वास्थ्य, शिक्षा और कारागार आदि सहित संबंधित मंत्रालयों/विभागों के साथ चिंतन शिविरों और क्षेत्रीय समीक्षा/परामर्श कार्यक्रमों सहित परामर्श कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की गई थी। निरंतर प्रयास करने के लिए, एनएपीडीडीआर के दिशानिर्देशों को पुनव्र्यस्थित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति भी गठित की गई है।

डा. नरेश बंसल ने पहली सप्लीमेंट्री ने पुछा कि मा0 सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री से जानना चाहता हूं कि, भारत में नशीली दवाओं और मादक पदार्थों की लत से निपटने के लिए क्या कोई राष्ट्रीय हेल्पलाइन उपलब्ध है, अब तक इस हेल्पलाइन पर कितने काॅल प्राप्त हुए और क्या इस तंत्र को प्रभावी और सफल माना जा रहा है।

जिसके उत्तर मे मानिनीय श्री बी.एल.वर्मा जी (सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री) ने सदन मे बताया कि हमारे मंत्रालय ने 24 घण्टे एक राष्ट्रीय टोल फ्री न0 14446 का संचालन हो रहा है इस टोल फ्री का मुख्य उद्देश्य नशीले पदार्थों का दुरूपयोग करने वालों को टेली परामर्श प्रदान करना उन्हें निकटतम नशा मुक्ति केंद्र के लिए रेफर करना भी है और टोल फ्री पर कार्य परामर्शदाता, शिक्षित परामर्शदाता बैठे हुए हैं। इस पर अब तक 4 लाख 30 हजार से भी ज्यादा काॅल प्राप्त हुए हैं और सफलतापूर्वक यह हेल्पलाइन कार्य कर रही है।

डा. नरेश बंसल ने संबंधित प्रशन कि दुसरी सप्लीमेंट्री मे पुछा कि मा0 सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री से जानना चाहता हूं कि, क्या नशा मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत किसी आध्यात्मिक या धार्मिक संस्था के सहयोग के लिए सम्पर्क किया गया है यदि हां तो इस सहयोग से अब तक कितने व्यक्तियों तक प्रभावी पहुंच या परिवर्तन सुनिश्चित हुआ है।

जिसके उत्तर मे मानिनीय श्री बी.एल.वर्मा (सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री) ने सदन मे बताया कि अगस्त, 2020 से नशा मुक्ति भारत अभियान प्रारंभ हुआ और लगाातार सभी के सहयोग से इसमें कार्य किया जा रहा है। ब्रह्मकुमारी, आर्ट आॅफ लिविंग, संत निरंकारी मिशन, गायत्री परिवार, इस्काॅन, श्रीरामचंद्र मिशन से हमारा एमओयू हुआ है और लगातार हम और भी आध्यात्मिक संस्थाओं से सम्पर्क कर रहे हैं। मुझे लगता है निकट वर्ष में और भी संस्थायें जुडेंगी। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इस पर आगे बढेंगे। और इनके माध्यम से अब तक हम 3 करोड 37 लाख लोगों से भी ज्यादा लोगों को नशे के विरूद्ध जागरूक करने का कार्य किया गया है।

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