Breaking News

स्वतंत्रता सेनानी कल्याण समिति के संरक्षक सुशील त्यागी ने  गोष्ठी आयोजित की।

 स्वतंत्रता सेनानी कल्याण समिति के संरक्षक सुशील त्यागी ने  गोष्ठी आयोजित की।
Spread the love

स्वतंत्रता सेनानी कल्याण समिति के संरक्षक सुशील त्यागी ने  गोष्ठी आयोजित की।

(उत्तराखंड राज्य स्थापना की मूल अवधारणा के पीछे पहाड़ों के अंधेरों में विकास का उजाला पहुंचाना था ::::: सुशील त्यागी)

उत्तराखंड (देहरादून) मंगलवार, 11 नवंबर 2025

उत्तराखंड राज्य स्थापना की मूल अवधारणा के पीछे पहाड़ों के अंधेरों में विकास का उजाला पहुंचाना था। इस राज्य का गठन आजादी के बाद 1956 में ही हो सकता था यदि तत्कालीन नेता इसमें अड़ंगा न लगाते। यह विचार स्वतंत्रता सेनानी कल्याण समिति के संरक्षक सुशील त्यागी ने ये विचार दून लाइब्रेरी में उत्तराखंड राज्य आंदोलन विषय पर लगाई गई प्रदर्शनी को देखने के बाद आयोजित गोष्ठी में व्यक्त किए।

डॉक्टर राकेश डंगवाल का कहना था की यदि आर्थिक प्रगति, विकास और पर्यावरणीय संरक्षण साथ-साथ चलकर पहाड़ों के आवाम तक पहुंचे तभी राज्य स्थापना की अवधारणा पूरी होगी।

गवर्मेंट पेंशनर्स वेलफेयर संगठन के चौधरी ओमवीर सिंह का कहना था की स्थानीय रोज़गार पर विशेष ध्यान देते हुए पहाड़ी उत्पादों की ब्रांडिंग, जैविक खेती, हर्बल उद्योग, और ईको-टूरिज्म के माध्यम से युवाओं को घर के पास ही रोजगार के साधन उपलब्ध कराने चाहिए।

संयुक्त नागरिक संगठन के अवधेश शर्मा के अनुसार पलायन रोकने के लिए “घोस्ट विलेज रीवाइवल मिशन” जैसी पहलें तेज की जाएँ। ग्रामीण शिक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल कनेक्टिविटी को प्राथमिकता मिले।

अपना परिवार के पुरुषोत्तम भट्ट के अनुसार शिक्षा को स्किल और इनोवेशन से जोड़ा जाए ताकि युवा न केवल नौकरी ढूँढें बल्कि अवसर सृजक बनें।

दिनेश जोशी ने जोर देकर कहा पर्यावरणीय चेतना को नीति का आधार बनाया जाए और पहाड़ी भूगोल के अनुसार वैज्ञानिक आपदा प्रबंधन ढाँचा विकसित किया जाए। यहां आम राय थी की उत्तराखंड की लोकसंस्कृति और लोकमूल्यों का पुनर्जागरण किया जाए। “पहाड़ की पहचान, उत्तराखंड की शान” केवल नारा नहीं, बल्कि नीति बने।

Related post

error: Content is protected !!