विशाल जुलुस द्वारा जनता की एक ही मांग: "एलिवेटेड रोड मंजूर नहीं। - Swastik Mail
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जिलाधिकारी सविन बंसल ने “जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार अभियान” के अंतर्गत न्याय पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों में आयोजित किए जा रहे बहुउद्देशीय शिविरों/कैम्पों की समीक्षा बैठक आयोजित की।पूर्व प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा मनरेगा की हत्या, SIR के ज़रिए वोट चोरी और नेशनल हेराल्ड में राजनीतिक बदले की साज़िश पूरी तरह बेनकाब।वार्षिक खेलकूद की विभिन्न स्पर्धाओं के नन्हें मुन्ने विजेताओं को किया पुरस्कृत।अपर्ण संस्था द्वारा जनपद पिथौरागढ़ की राजी जनजाति के 10 युवक-युवतियों को उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग में शैक्षिक भ्रमण कार्यकम हेतु लाया गया।देहरादून में 20 से 28 दिसंबर 2025 तक रेंजर्स ग्राउंड में सहकारिता मेले का भव्य आयोजन किया जाएगा।

विशाल जुलुस द्वारा जनता की एक ही मांग: “एलिवेटेड रोड मंजूर नहीं।

 विशाल जुलुस द्वारा जनता की एक ही मांग: “एलिवेटेड रोड मंजूर नहीं।
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विशाल जुलुस द्वारा जनता की एक ही मांग: “एलिवेटेड रोड मंजूर नहीं।विशाल जुलुस द्वारा जनता की एक ही मांग: “एलिवेटेड रोड मंजूर नहीं।

(आंदोलन को और विस्तारित एवं मज़बूत किया जायेगा)

उत्तराखंड (देहरादून) रविवार, 21 सितम्बर 2025

आज “एलिवेटेड रोड मंज़ूर नहीं!” रैली में बड़ी संख्या में जनता सड़क पर उतरे और प्रस्तावित एलिवेटेड रोड परियोजना का जमकर विरोध करते हुए जनपक्षीय विकास के लिए मांग उठाया। दून समग्र विकास अभियान द्वारा आयोजित रैली में देहरादून एवं राज्य के जन संगठनों, युवा संगठनों, महिला संगठनों, पर्यावरणवादी संगठनों, और विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि इस प्रस्तावित परियोजना से रिस्पना एवं बिंदाल नदियों का विनाश होगा, दसियों हज़ार लोग बेघर हो सकते हैं, शहर में गर्मी, पेयजल की समस्या, और प्रदूषण बढ़ेगा, और पर्यावरण पर गंभीर नुकसान होगा। 15 तारीख की आपदा में दर्जनों लोगों की जान गयी और शहर भर में पुल और सड़क टूटे, जिससे यह बात और स्पष्ट हो जाती है कि यह परियोजना पुरे शहर के लिए घातक होगा। लेकिन वह सरकार जो एलिवेटेड रोड के लिए लगभग हर दस दिन सर्वेक्षण के नाम पर टीम भेजती रही है, वही सरकार ने जनता को आपदा से क्या नुक्सान हुआ है, अभी तक सर्वेक्षण तक नहीं किया। इसके अतिरिक्त अनुपूरक बजट में इस परियोजना के लिए सरकार ने 925 करोड़ आवंटित की है जो इस पुरे राज्य की जनता के साथ धोखा है।

प्रदर्शनकारियों ने मांग उठायी कि इस प्रस्तावित परियोजना को रद्द कराया जाये। आपदा प्रभावितों का सर्वे तुरंत हो और सारे प्रभावित लोगों को राहत और मुआवज़ा दिया जाये। रिस्पना बिंदाल नदियों का पुनर्जीवन कराया जाए; शहर में कम से कम 500 नए बस चलाए।महिलाओं, छात्रों एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए बस टिकट मुफ्त किए जाएँ।शहरी रोज़गार गारंटी लागू कर किफायती आवास बनाया जाए।निजी स्कूलों एवं मॉल के लिए परिवहन की व्यवस्था अनिवार्य की जाए। सिग्नल और चौकों को सुधारा जाए।और ऐसे कदम उठाए जाएँ जिनसे यातायात की समस्याओं से राहत मिले और हरित, सतत विकास संभव हो।

जुलुस गाँधी पार्क के गेट से शुरू हो कर दर्शन लाल चौक होते हुए सचिवालय की तरफ जा रही थी लेकिन पुलिस ने लैंड्सडाउन चौक पर रोक दी जिसका जमकर विरोध हुआ। फिर बैरियर खोल कर पुलिस ने रैली को कनक चौक तक जाने दी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह रैली सिर्फ अंगड़ाई है, आगे इस आंदोलन को और विस्तारित एवं मज़बूत किया जायेगा जब तक यह विनाशकारी और नाजायज़ परियोजना रद्द नहीं की जाती।

वरिष्ठ पर्यावरणविद एवं उत्तराखंड इंसानियत मंच के डॉ रवि चोपड़ा; मैड के अध्यक्ष अभिजय नेगी; उच्च न्यायलय की पर्यावरणवादी वकील स्निग्धा तिवाड़ी; चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल; सिटीजन्स फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोरा; भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय कौंसिल सदस्य समर भंडारी; समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ SN सचान; भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मा – ले) के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी; और PWD के सेवानिवृत इंजीनियर राकेश कपूर ने जुलुस को सम्बोधित किया। कार्यक्रम की सञ्चालन उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत ने की। मेड, चेतना आंदोलन, सिटीजन्स फॉर ग्रीन दून, उत्तराखंड महिला मंच, उत्तराखंड इंसानियत मंच एवं अन्य संगठनों और चिंतित नागरिक सैकड़ों की संख्या में मौजूद रहे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरजीत सिंह, प्रवीण त्यागी, संजय शर्मा इत्यादि समर्थन में भी आए।

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