जिलाधिकारी  सविन बंसल ने पीड़ित बुजुर्ग दम्पति द्वारा बेटे को दिए गए बंगला बिजनेस की गिफ्ट डीड की थी रद्द। - Swastik Mail
Breaking News
जिलाधिकारी सविन बसंल द्वारा जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ एवं सर्वसुलभ बनाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।मा.मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में बड़ा कदम: देहरादून जिला प्रशासन ने डिस्ट्रिक्ट प्लान से 54 आंगनबाड़ी केंद्र बनाए मॉडर्न प्ले स्कूल।मा.मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ेगी निगरानी, मानव-वन्यजीव संघर्ष पर जिला प्रशासन अलर्ट।उत्तराखंड सामाजिक सम्मान सेवा ट्रस्ट ने किया वरिष्ठ पत्रकार सुशील चमोली का सम्मान ।युवा सेना अध्यक्ष सागर रघुवंशी के नेतृत्व में निजी व पब्लिक स्कूलों द्वारा शिक्षा के नाम पर हो रहे शोषण के विरुद्ध युवा सेना (शिव सेना) ने दिया SDM साहिबा स्मिता पवार जी को ज्ञापन।

जिलाधिकारी  सविन बंसल ने पीड़ित बुजुर्ग दम्पति द्वारा बेटे को दिए गए बंगला बिजनेस की गिफ्ट डीड की थी रद्द।

 जिलाधिकारी  सविन बंसल ने पीड़ित बुजुर्ग दम्पति द्वारा बेटे को दिए गए बंगला बिजनेस की गिफ्ट डीड की थी रद्द।
Spread the love

जिलाधिकारी  सविन बंसल ने पीड़ित बुजुर्ग दम्पति द्वारा बेटे को दिए गए बंगला बिजनेस की गिफ्ट डीड की थी रद्द।

(भरणपोषण अधिनियम की विशेष शक्तियों का प्रयोग; डीएम ने प्रथम हेयरिंग में ही चला दी थी कलम)

उत्तराखंड (देहरादून) शनिवार ,19 जुलाई  2025

विगत दिवस डीएम ने बुजुर्ग दम्पति जिनके बेटे ने गिफ्ट डीड में सम्पति अपने नाम करवाकर बुजुर्ग माता-पिता को घर से बाहर कर दिया था। जिस डीएम ने अपने न्यायालय में पहली सुनवाई में ही गिफ्ट डीएड रद्द कर दी थी, डीएम ने आदेशों के अनुपालन में रजिस्ट्री अनुपालन ओदश पास किया है। जिला प्रशासन देहरादून सामाजिक कर्तव्य से विमुख लोगों को अपनी न्याय प्रणाली से रास्ता दिखा रहा है वहीं असहाय जरूरतमंद लोंगों को त्वरित न्याय मिल रहा है। जिलाधिकारी सविन बसंल की कार्यप्रणाली सदैव असहाय, बुजुर्ग, महिला बच्चों, जनमानस के हित में रही है। असहाय जरूरतमंदो से जुड़े विषयों पर जिला प्रशासन द्वारा सक्रिय होकर त्वरित निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे जनमानस के प्रति जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता कर्तव्यनिष्ठा दर्शाता है।

बजुर्ग परमजीत सिंह ने अपनी 3080 वर्ग फुट सम्पति जो कि 2 बड़े हॉल है को गिफ्ट डीड में अपने पुत्र गुरूविंदर सिंह के नाम कर दिया था। गिफ्ट डीड की शर्तों के अनुसार पुत्र को अपने माता-पिता के भरणपोषण एवं माता-पिता के साथ रहने तथा पोते-पोती को दादा-दादी से दूर नही करना था। किन्तु सम्पति नाम होते ही पुत्र ने गिफ्ट डीड में की शर्तों का उल्लंघन कर माता-पिता से दूर रहने लगा तथा पोते-पोती को भी दादा-दादी से मिलने नही दिया गया। बुजुर्ग दम्पति के प्रकरण पर जिला मजिस्टेªट न्यायालय में विधवत पर्याप्त सुनवाई की गई विपक्षी गुरूविंदर सिंह आदि को नोटिस जारी किया गया एवं विज्ञप्ति के माध्यम से भी सार्वजनिक सूचना प्रसारित की गई इसके बावजूद भी विपक्षी द्वारा न्यायालय में आपत्ति प्रस्तुत नही की गई और ना ही स्वयं उपस्थित हुए। जिस पर फैसला सुनाते हुए गिफ्ट डीड रद्द करते हुए सम्पति को पुनः बुजुर्ग दम्पति के नाम कर दिया।

बुजुर्ग माता-पिता से गिफ्ट डीड में बंगला बिजनेस अपने नाम कर अपना ही बेटा उनको घर से बाहर खदेड़ रहा था। डीएम बंसल ने तत्काल संज्ञान लेते हुए गिफ्ट डीड को ही खारिज करते हुए पूर्ण 3080 वर्ग फीट सम्पति पुनः बुजुर्ग दम्पति के नाम कर दिया है। गिफ्ट डीड शर्तों का उल्लंघन; नाफरमानी पर डीएम न्याय का हथोड़ा चलाते हुए गिफ्ट डीड को कैंसिल कर दिया है। बुजुर्ग दम्पति तहसील, थाना अवर न्यायालय से थकहार डीएम न्यायालय कराया वाद पंजीकृत, पहली ही सुनवाई में बुजुर्ग को इंसाफ मिल गया है। भरणपोषण अधिनियम की विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए डीएम ने बुजुर्ग दम्पति को इंसाफ दिलाया है। आदेश फरमान से डीएम न्यायालय में ही दम्पति के आंसु छलक पड़े। वधिवत् स्पष्टीकरण; पर्याप्त अवसर उपरान्त, आदेशों की नाफरमानी; माता-पिता का तिरस्कार बेटे को भारी पड़ गया। डीएम के इस फैसले से बुजुर्ग सरदार परमजीत सिंह व उनकी पत्नी अमरजीत कौर को न्याय मिल गया है।गिफ्ट डीड पाकर बेटे ने कर दिया था माता-पिता को सम्पति से बेदखल; पोते-पोती से मिलने पर भी रोक लगा दी थी।

Related post

error: Content is protected !!