पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर बरसे।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर बरसे।
(पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यूसीसी सनातन की संस्कृति और संस्कारों पर हमला)
उत्तराखंड (रुड़की) शुक्रवार, 28 फरवरी 2025
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट और उत्तराखंड राज्य के बजट से किसानों, मजदूर और छोटे वर्ग के व्यापारियों को भाजपा सरकार ने बुरी तरह से निराशा किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार और राज्य की उत्तराखंड सरकार लगातार किसान विरोधी कार्य कर रही है। 
पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर बरसे। उन्होंने कहा किसान मजदूर के हित उत्तराखंड की भाजपा सरकार के बजट में ही नहीं है।उन्होंने कहा कि लगातार भाजपा सरकार किसानों व मजदूरों की अनदेखी कर रही है और उनके उत्पीड़न पर उतारू है। उन्होंने कहा कि गन्ने का सीजन समाप्त होने को लेकिन अब तक गन्ने का मूल्य घोषित नहीं किया गया है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय हमेशा प्रदेश में अन्य प्रदेशों से ज्यादा गन्ना मूल्य दिया है। उन्होंने कहा कि बाजारों में चीनी के मूल्य बढ़े हैं लेकिन गन्ने का खरीद मूल्य नहीं बढ़ पा रहा है, उन्होंने कहा कि गन्ना मूल्य 450 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए।हरीश रावत ने कहा कि धामी सरकार को इकबालपुर मिल से पैसे दिलवाने की योजना बनानी चाहिए। उन्होंने इकबालपुर व डोईवाला शुगर मिलो को बंद करने की सरकार की मंशा कहते हुए यूसीसी को उत्तराखंड की संस्कृति पर प्रहार बताया और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान को राज्य की मूलभावना पर चोट करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यूसीसी हमारे संस्कारों को खत्म करने का काम करता है। यह सनातन की संस्कृति और संस्कारों पर हमला है, सनातन धर्म कभी लिव इन रिलेशनशिप जैसी कुरीतियों को मान्यता नहीं देता।
प्रेस वार्ता में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता श्रीगोपाल नारसन , विधायक फुरकान अहमद, विधायक काजी निजामुद्दीन, पूर्व राज्यमंत्री गौरव चौधरी, राव शेर मोहम्मद, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, प्रणय प्रताप सिंह, आदित्य राणा, मेलाराम प्रजापति, पंकज सैनी, सेठपाल परमार, आशीष सैनी ,पंकज सैनी आदि उपस्थित रहे।