राज्य में होने वाले बंद व आन्दोलनों में तोड-फोड़ करने वाले दंगाइयों की खैर नहीं।
The Chief Minister of Uttarakhand, Shri Pushkar Singh Dhami calling on the Union Minister for Defence, Shri Rajnath Singh, in New Delhi on April 05, 2022.
राज्य में होने वाले बंद व आन्दोलनों में तोड-फोड़ करने वाले दंगाइयों की खैर नहीं।
(दंगारोधी विधेयक को राजभवन से मिली मंजूरी)
उत्तराखंड (देहरादून) शुक्रवार, 20 सितम्बर 2024
राज्य में होने वाले बंद व आन्दोलनों में तोड-फोड़ करने वाले दंगाइयों की खैर नहीं। उत्तराखंड में दंगा-फसाद करने वाले उपद्रवियों पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान उत्तराखण्ड सरकार ने अध्यादेश के तौर पर लागू इस कानून के लिए विधेयक पेश किया था। विधायी समिति ने ने इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए विधेयक को राजभवन भेजा था।

इस कानून के तहत हड़ताल, दंगों, बंद और आंदोलनों में सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली की जाएगी। इसके संबंध में एक दावा अभिकरण का गठन किया जाएगा। इसमें कोई भी व्यक्ति और सरकारी संपत्तियों का प्राधिकारी इस दावा अभिकरण में अपना दावा पेश कर सकेगा। इस दावे का निपटारा भी निश्चित समय अवधि में होगा, ताकि जल्द से जल्द नुकसान की भरपाई नुकसान करने वाले से हो सके। यदि किसी आंदोलन, बंद आदि में संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है तो इसकी भरपाई संबंधित बंद या आंदोलन का आह्वान करने वाले नेता से की जाएगी।
क्षतिग्रस्त संपत्ति की भरपाई के अलावा आठ लाख तक का जुर्माना और दंगा नियंत्रण पर सरकारी अमले का खर्चा भी भरेगा। इस कानून के तहत दंगाइयों से सरकारी और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। साथ ही दंगा नियंत्रण में लगे सरकारी अमले और अन्य कार्य पर आने वाले खर्च की भरपाई भी उपद्रवी से की जा सकेगी। देवभूमि में कानून व्यवस्था और स्वरूप बिगाड़ने की किसी को छूट नहीं है। इस कानून का राज्य में कड़ाई से पालन कराया जाएगा।