उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद व विभिन्न सामाजिक संगठनों व राजनीतिक दलों ने सयुक्त रुप से सचिवलय कूच किया।
उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद व विभिन्न सामाजिक संगठनों व राजनीतिक दलों ने सयुक्त रुप से सचिवलय कूच किया।
(मुख्यमंत्री को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया)
उत्तराखंड (देहरादून) बुधवार, 08 नवंबर 2023
उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद व विभिन्न सामाजिक संगठनों व राजनीतिक दलों ने सयुक्त रुप से सचिवलय कूच करते हुए मुख्यमंत्री को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया।
आज राज्य को बने हुए लगभग 23 वर्ष होने को हैं उत्तराखंड के लोग वह आंदोलनकारी आज भी स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं राज्य गठन के बाद कुछ मुट्ठी भर भू माफिया शराब माफिया नकल माफिया खनन माफिया आदि ने एक गिरोह संगठन बनाकर उत्तराखंड राज्य का बे हिसाब दोहन किया है तथा खनिज संसाधनों पर अपना कब्जा कर लिया है और स्वयं को रुपए का मुनाफा प्राप्त किया है इससे उत्तराखंड राज्य के युवा महिला सहित आम जनता अपने को ठगा हुआ उपेक्षित महसूस कर रही है तथा एक बड़ा प्रश्न वाचक बन गया है कि यह राज्य आम उत्तराखंड के नागरिकों के मूलभूत विकास हेतु बना या भू माफियाओं के निजी विकास के लिए बनाया गया इन राष्ट्रीय दलों ने उत्तराखंड राज्य को मुख्यमंत्री की प्रयोगशाला बना रखा है हम इस ज्ञापन के माध्यम से सरकार व मुख्यमंत्री से निम्न मांग करते हैं।
1. उत्तराखंड आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण शीघ्र पूरा हो तथा जिसमें छूटे हुए आंदोलनकारी का चिहिकरण शीघ्र किया जाए।जिसमें उत्तराखंड आंदोलन में बहुत से सक्रिय रहे साथी जो चिनहिकरण की प्रक्रिया से छूट गए हैं उनके चिन्हिकरण सरकार शीघ्र कराऐ क्योंकि बहुत से आंदोलनकारी साथी अपनी उम्र पूरी करते जा रहे हैं उनका चिन्हिकरण कारण समय से कर दिया जाए ताकि वहां सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सके।
2. पेंशन पटा सभी आंदोलनकारीयो को समान पेंशन 15000 तथा पेंशन पट्टा प्रदान किया जाए सभी आंदोलनकारी को एक समान पेंशन दी जाए।
3. हिमाचल की तर्ज पर धारा 371 उत्तराखंड राज्य में लागू की जाए हम सब आंदोलनकारी सरकार से मांग करते हैं की उत्तराखंड के लिएएक सशक्त भू कानून जल्द से जल्द बनाया जाए तथा इस भू कानून को शक्ति से लागू किया जाए तथा यहां के मूल निवासियों को स्वरोजगार हेतु सरकार द्वारा प्रशिक्षित किया जाएतथा आसान किस्तों में ग्रामीण अंचल में रोजगार सरजीत करने पर ऋण उपलब्ध कराया जाए और रोजगार सृजित करने वाले को सब्सिडी दी जाए जिससे राज्य में ग्रामीण अंचलों से पलायन को रोका जा सके।
4 . हम सब आंदोलनकारी मुख्यमंत्री जी से मांग करते हैं की मूल निवास वर्ष 1950 के आधार पर लागू किया जाए जो उच्चतम न्यायालय की गाइड लाइन के अनुसार है 15 साल का अस्थाई निवास प्रमाण पत्र व्यवस्था अवैध है जिसे तुरंत समाप्त किया जाए
महोदय आप उपरोक्त सभी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करेंगे ज्ञापन देने वालों में उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद, उत्तराखंड महिला मंच जनवादी महिला समिति, नेताजी संघर्ष समिति, उत्तराखंड किसान सभा,मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी,उत्तराखंड कर्मचारी आंदोलनकारी संगठन, राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी ,उत्तराखंड क्रांति दल,उत्तराखंड चिन्हित आंदोलनकारी संगठन,दिशा सामाजिक संस्था व विभिन्न संगठन व राजनीतिक दल शामिल रहे।
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद के संरक्षक नवनीत गोसाई, प्रदेश अध्यक्ष विपुल नौटियाल,जिला अध्यक्ष सुरेश कुमार,पूर्व अध्यक्ष गणेश डंगवाल,अनुराग भट्ट, जगमोहन रावत प्रभात डेंड्रिया एल रामपाल अमित पवार अनुराग भट्ट,धर्मानंद भट्ट,सुशील विरमानी, महिला मंच से कमला पंत, निर्मला बिष्ट ,मुन्नी खंडूरी, पुष्प लता, सिल्माना, जितेंद्र चौहान, बलेश बवानिया, प्रेम सिंह नेगी ,सुनील जुयाल,लोक बहादुर थापा,सत्य पोखरियाल,पार्वती राठौड़ी,मधु डबराल, प्रवीण गोसाई, कमला देवी, रेनू नेगी,प्रमोद मंदरवाल व उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवार, विशंभर दत्त बौंठियाल, पहाड़ी स्वाभिमानी मोहित डिमरी,चिंतन सकलानी, सुलोचना गोसाई,हिंदू नौडियाल, राकेश कुमार भट्ट, बिजेंद्र सेमवाल, राकेश शर्मा,अनंत आकाश व लेखराज पुरोहित, राजेंद्र पुरोहित,लाखन सिंह,चीलवाल, नवीन नैथानी, शकुंतला देवी,उत्तराखंड क्रांति दल से प्रमिला रावत जबर सिंह पावेल, सुमित थापा, राजेंद्र थापा, लोक बहादुर थापा,संगीता रावत, रेनू नेगी,आरती राणा, बृजेश नवानीजेड आशीष उनियाल, देवेश्वरी रावत, संगीता रावत ,राजकुमार जायसवाल, विशाल बिष्ट, अनीता रावत ,सुभागा देवी, फर्स्वाण गोसाई, पुष्पा नेगी, कल्पेश्वरी नेगी,शांति बुटोला ,पुष्प लता आदि अनेक संख्या में लोग उपस्थित रहे।