उत्तराखंड के पीआरडी जवान भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर :::: प्रमोद मंन्द्रवाल (प्रदेश अध्यक्ष)
उत्तराखंड के पीआरडी जवान भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर :::: प्रमोद मंन्द्रवाल (प्रदेश अध्यक्ष)
(चार धाम यात्रा ड्यूटी में तैनात किए गए जवानों को 4 महीने से वेतन नहीं मिल)
उत्तराखंड (देहरादून) रविवार, 20 अगस्त 2023
उत्तराखंड प्रांतीय रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रमोद मंन्द्रवाल ने बताया कि जवान चार धाम यात्रा ड्यूटी में वर्ष 2023 अप्रैल में तैनात किए गए जवानों को आज 4 महीने लगभग हो चुके हैं और सरकार विभाग द्वारा इन जवानों को वेतन नहीं दिया गया। उत्तराखंड प्रदेश का की चार धाम यात्रा के लिए सरकार शासन प्रशासन 6 माह पहले सभी तरह की तैयारी मैं जुड़ जाता है लेकिन पीआरडी के जवानों को सरकार शासन प्रशासन हमेशा नजर अंदाज करती है जबकि पीआरडी के जवान एक जनपद से दूसरे जनपद लगभग 200 से 300 किलोमीटर दूर ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं और सरकार द्वारा इनके मानदेय का भुगतान के लिए समय पर बजट उपलब्ध नहीं कराया जाता है जबकि यह कोई नई कहानी नहीं है पिछले वर्ष भी जब चार धाम यात्रा ड्यूटी समाप्त हो चुकी थी तब भी 6 माह के बाद संगठन द्वारा काफी संघर्ष करते हुए करते हुए इन जवानों को वेतन दिलाया गया पीआरडी जवानों के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार किया जाता है और इन जवानों को सरकार शासन प्रशासन अपना काम निकालने के बाद डिस्पोजल की तरह फेंक देती है।
पीआरडी का जवान आज उत्तराखंड प्रदेश में हर तरह की अपनी सेवाएं बिना किसी मूलभूत सुविधा के निष्ठा पूर्ण भाव से देता आ रहा है फिर भी इन जवानों के साथ बहुत बड़ा छलावा किया जाता है आज पीआरडी के जवान अपने बच्चों की फीस परिवार की मेडिकल सुविधा राशन पानी ड्यूटी आने-जाने का किराया आदि से बहुत ही लचर है जिससे किन जवानों के आगे बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है सरकार को सोचना चाहिए की आप अपने सुख सुविधाओं के लिए रात और रात बजट पास कर देते हो और रात और रात शासनादेश जारी कर देते हैं लेकिन जो जवान आज धरातल पर जैसे पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कंप्यूटर ड्राइवर कुक माली चौकीदार फिटर इलेक्ट्रीशियन चौकीदार अनुसेवक के रूप में सभी सेवाएं देता है लेकिन उसको समय पर वेतन नहीं दिया जाता है जिससे उनके परिवार और बच्चों के भविष्य पर बहुत गलत असर पड़ता है संगठन ने पूर्व में भी पत्राचार के माध्यम से 23 तारीख को भूख हड़ताल पर बैठने का आह्वान किया है संगठन का शासन प्रशासन से पुनः अनुरोध है पीआरडी जवानों का रुका हुआ मानदेय भुगतान एवं शासन प्रशासन में 1948 एक्ट की नियमावली जो गतिमान है उसे अतिशीघ्र शासनादेश जारी कर धरातल पर लाया जाए नहीं तो संगठन एवं उत्तराखंड के समस्त पीआरडी जवान भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन और विभाग की होगी।