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भारत और बांग्लादेश के बीच तीन वनडे मुकाबलों की के अंतिम मैच में भारत की टीम ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 227 रनों से मैच जीता।

 भारत और बांग्लादेश के बीच तीन वनडे मुकाबलों की के अंतिम मैच में भारत की टीम ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 227 रनों से मैच जीता।
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बांग्लादेश की टीम को 182 रनों पर ऑलआउट कर दिया। हालांकि टीम सीरीज पर कब्जा नहीं कर सकी मगर तीसरे वनडे मुकाबले में ईशान किशन और विराट कोहली की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने फैंस का दिल जीत लिया।

बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे वनडे मुकाबले में भारत की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश की 410 रनों का टारगेट दिया। ये मुकाबला भारतीय खिलाड़ियों के लिए काफी शानदार साबित हुआ। बांग्लादेश की टीम का पहला विकेट अनामुल हक के तौर पर गिरा। वो आठ रन बनाकर अक्षर पटेल का शिकार हुए। मोहम्मद सिराज ने कप्तान लिटन दास को 29 रन के स्कोर पर चलता किया। इसके बाद बांग्लादेश की टीम टिक नहीं सकी। मुश्फिकुर रहीम को क्लीन बोल्ड कर पवेलियन भेजा गया। इसके बाद लगातार टीम के विकेट गिरते गए।

भारतीय बल्लेबाजों ने खेली धमाकेदार पारी
सलामी बल्लेबाज इशान किशन ने बेखौफ बल्लेबाजी करते हुए एकदिवसीय क्रिकेट का सबसे तेज दोहरे शतक जड़ने के साथ विराट कोहली के साथ दूसरे विकेट के लिए 190 गेंद में 290 रन की साझेदारी की। भारतीय टीम इसके बाद आठ विकेट खोकर 409 रन ही बना सकी। इस पारी में ईशान किशन ने 131 गेंद की पारी में 24 चौके और 10 छक्के की मदद से 210 रन बनाये। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के सामने पूर्व कप्तान कोहली की 91 गेंद में 11 चौके और दो छक्के जड़ित 113 रन की पारी फीकी नजर आयी।

इशान ने 126 गेंद में अपना दोहरा शतक पूरा किया जो इस प्रारूप का सबसे तेज दोहरा शतक है। इससे पहले पुरुष क्रिकेट में यह रिकॉर्ड क्रिस गेल के नाम था। उन्होंने 2015 विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ 138 गेंद में दोहरा शतक पूरा किया था। इशान एक दिवसीय फॉर्मेट में दोहरा शतक लगाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज भी बन गये। उन्होंने 24 साल और 145 दिन की उम्र में दोहरा शतक पूरा किया। इससे पहले यह रिकॉर्ड रोहित शर्मा के नाम था जिन्होंने 26 साल और 186 दिन की उम्र में अपना पहला दोहरा शतक (2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) लगाया था। एकदिवसीय में यह भारत का चौथा सबसे बड़ा स्कोर है।

किशन और कोहली के आउट होने के बाद लगातार अंतराल पर विकेट गिरते रहे और टीम आखिरी 10 ओवर में सिर्फ 70 रन ही बना सकी। किशन ने 85 गेंद में एकदिवसीय प्रारूप का पहला शतक लगाने के बाद टी20 अंदाज में बल्लेबाजी की और चौके-छक्के की बौछार कर दी। उन्होंने अपनी पारी में 156 रन सिर्फ बाउंड्री से बनाये। झारखंड का यह बल्लेबाज वनडे में दोहरा शतक लगाने वाला भारत चौथ और कुल सातवां बल्लेबाज है। उन्होंने 35वें ओवर की आखिरी गेंद पर मुस्तफिजुर रहमान के खिलाफ एक रन लेकर अपना दोहरा शतक पूरा किया।

वह अपने पहले एकदिवसीय शतक को दोहरा शतक में बदलने वाले इकलौते बल्लेबाज बने। दूसरे छोर से कोहली भी अपने रंग में दिखे। एकदिवसीय में यह उनकी 44वीं शतकीय पारी है जिससे उनकी कुल शतकों की संख्या 72 हो गयी। इस प्रारूप में कोहली ने लगभग तीन साल के बाद शतक लगाया। टी 20 विश्व कप में हारिस रउफ के खिलाफ जिस तरह से उन्होंने मुश्किल छक्का जड़ा था उसी तरह से इबादत हुसैन की गेंद को दर्शकों के पास पहुंचा कर उन्होंने 86 गेंद में अपना शतक पूरा किया। वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर (100 शतक) के बाद सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गये है।

तीन मैचों की श्रृंखला में शुरुआती दोनों मैचों हार का सामना करने वाली भारतीय टीम ने चोटिल कप्तान रोहित शर्मा की जगह किशन को टीम में शामिल किया और इस बल्लेबाज ने शिखर धवन के साथ पारी की शुरुआत की। धवन और उनकी साझेदारी सिर्फ 4.1 ओवर तक ही चली। मेहदी हसन ने धवन को तीन रन पर पगबाधा आउट कर दिया। इस ऑफ स्पिनर की गेंद पर कप्तान लिटन दास ने कोहली का कैच टपका कर जीवन दान दिया। इसके बाद किशन और कोहली ने आसानी से मैदान की हर तरफ रन बटोरे।

दोनों दौड़कर रन चुराने की जगह बाउंड्री लगाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे थे। किशन के दोहरे शतक के जश्न में कोहली भी शामिल हुए। उन्होंने मैदान पर भांगड़ा कर के इस युवा बल्लेबाज के साथ खुशी साझा की। दोनों के पवेलियन लौटने के बाद भारतीय पारी लड़खड़ाने लगी और इसका असर रन गति पर पड़ा। वॉशिंगटन सुंदर ने 27 गेंद में 37 रन की पारी खेलकर टीम के स्कोर को 400 के पार पहुंचाने में मदद की।

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